पहले लड़कियों से न्यूड चैट, फिर ब्लैकमेल का खेल, 'कोम' ऐप से बनाया गया निशाना; डिप्रेशन में पहुंचा नाबालिग छात्र
यह घटना साफ दिखाती है कि किस तरह साइबर अपराधी अब छात्रों और किशोरियों को निशाना बना रहे हैं. मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया के जरिए वे मासूमों को बहला-फुसलाकर ऐसे जाल में फंसा देते हैं, जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें और अनजान ऐप डाउनलोड करने से बचें.

उत्तर प्रदेश के आगरा में साइबर अपराध का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, इसमें स्कूली किशोर छात्राओं को मोबाइल ऐप के ज़रिए नग्न वीडियो कॉल करवाकर ब्लैकमेल किया जा रहा था, यह मामला सामने आने के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया है. शाहगंज थाना क्षेत्र के पथौली इलाके की रहने वाली 16 साल का एक छात्र, जो 11वीं कक्षा में पढ़ता है, इस जाल में फंस गया. घटना के बाद छात्र गहरे डिप्रेशन में चली गया और कई दिनों तक स्कूल जाना भी छोड़ दिया.आखिरकार, परेशान होकर उसने अपने पिता को पूरी घटना बताई. पिता ने तुरंत शाहगंज थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की.
पुलिस जांच में पता चला कि यह संगठित गिरोह 'कॉम (com)' नाम के एक संदिग्ध मोबाइल ऐप के जरिए छात्राओं और छात्रों को फंसाता था. यह ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं है और माना जा रहा है कि यह डार्क वेब या अवैध स्रोतों से डाउनलोड किया गया था. घटना में पीड़ित छात्रा ने सोशल मीडिया पर एक लिंक पर क्लिक करके यह ऐप डाउनलोड किया. ऐप पर आकर्षक महिलाओं की प्रोफाइल दिखाई देती थीं, जो वीडियो कॉल करने के लिए लालच देती थी. छात्रा भी इसी जाल में फंस गया और उसने न्यूड वीडियो कॉल किया. इस दौरान गिरोह ने उसका वीडियो गुपचुप तरीके से रिकॉर्ड कर लिया. इसके बाद, आरोपियों ने छात्र को वीडियो वायरल करने की धमकी दी और उससे पैसों की मांग शुरू कर दी. डर और शर्मिंदगी के कारण छात्र कई दिनों तक किसी से कुछ नहीं कह सका. वह अपने कमरे में ही बंद रहने लगा और मानसिक तनाव का शिकार हो गया.
पुलिस की कार्रवाई
शिकायत मिलते ही शाहगंज पुलिस ने तेजी से जांच शुरू की. जांच में पता चला कि इस गिरोह में महिलाएं भी शामिल थीं, जो छात्राओं से चैट और कॉल करती थीं और उन्हें ऐसे न्यूड वीडियो बनाने के लिए उकसाती थी. बैकग्राउंड में बैठे लोग इस पूरे वीडियो को रिकॉर्ड कर लेते थे और फिर पीड़ितों को ब्लैकमेल करते थे. पुलिस ने आईटी एक्ट और रंगदारी मांगने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया. जांच के दौरान पुलिस ने आगरा के पथौली इलाके में किराए के मकान में रहकर ट्रैवल्स का कारोबार करने वाले राजस्थान भरतपुर निवासी अजय कुमार को गिरफ्तार कर लिया. अजय कुमार से पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे हुए. उसने माना कि वह इस गिरोह का सक्रिय सदस्य है और कमीशन के आधार पर महिलाओं को भर्ती करता था. इन महिलाओं का काम था छात्रों से वीडियो कॉल पर बातचीत करना और उन्हें अश्लील हरकतों के लिए उकसाना.
न्यूड वीडियो के जरिए पैसो की वसूली
इसी दौरान गिरोह वीडियो रिकॉर्ड कर लेता था और बाद में उससे ब्लैकमेलिंग करता था. अजय के पास से कई मोबाइल फोन, डिजिटल उपकरण और संदिग्ध रिकॉर्डिंग जब्त की गई हैं. जांच में एक महिला संजना का नाम भी सामने आया है, जो कथित तौर पर पथौली इलाके की रहने वाली है और उसने पीड़ित छात्रा से सबसे पहले संपर्क किया था. एसीपी लोहामंडी मयंक तिवारी ने बताया कि यह पूरा गिरोह छात्रों और युवाओं को जाल में फंसाकर उनसे न्यूड वीडियो बनवाता था और फिर पैसे वसूलता था. 'कॉम' नामक ऐप किसी अधिकृत प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर्ड नहीं है, जिससे साफ होता है कि यह गैरकानूनी ऐप है. साइबर सेल की टीम अब इस ऐप के मास्टरमाइंड और गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान में जुटी हुई है. पुलिस को उम्मीद है कि अजय कुमार की रिमांड से और भी कई महत्वपूर्ण सुराग मिलेंगे.