राजस्थान में बीजेपी सदस्यता अभियान का कमजोर रहा रिपोर्ट कार्ड, उपचुनाव पर पड़ सकता है असर
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यता अभियान ने राजस्थान में संगठन और सरकार दोनों की असलियत सामने ला दी है. राजस्थान, जो भाजपा शासित राज्य है, वहां सदस्यता अभियान की स्थिति सबसे खराब रही है. संगठन ही नहीं, राज्य के मंत्रियों की परफॉर्मेंस भी कमजोर रही है. यहां तक कि मुख्यमंत्री के गृह जिले भरतपुर में भी सदस्यता अभियान ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और वह टॉप 5 जिलों में शामिल नहीं हो पाया.

राजस्थान : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यता अभियान ने राजस्थान में संगठन और सरकार दोनों की असलियत सामने ला दी है. राजस्थान, जो भाजपा शासित राज्य है, वहां सदस्यता अभियान की स्थिति सबसे खराब रही है. संगठन ही नहीं, राज्य के मंत्रियों की परफॉर्मेंस भी कमजोर रही है. यहां तक कि मुख्यमंत्री के गृह जिले भरतपुर में भी सदस्यता अभियान ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया और वह टॉप 5 जिलों में शामिल नहीं हो पाया. पार्टी के इस कमजोर प्रदर्शन ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की चिंता बढ़ा दी है, खासकर जब लोकसभा चुनावों में पार्टी को बड़ा झटका लग चुका है. अब सदस्यता अभियान में भी पार्टी पिछड़ गई है, जबकि राज्य में कुछ समय बाद कई सीटों पर उपचुनाव होने हैं.
उपचुनाव वाली सीटों पर भी स्थिति खराब
राजस्थान में जल्द ही सात महत्वपूर्ण सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. इनमें खींवसर, चौरासी, दौसा, देवली-उनियारा, रामगढ़, सलूंबर और झुंझुनूं जैसी विधानसभा सीटें शामिल हैं. लेकिन सदस्यता अभियान में इन जिलों की रैंकिंग बेहद खराब है. खास बात यह है कि भाजपा के नेता इन उपचुनावों में 7-0 से जीतने का दावा कर रहे हैं, लेकिन सदस्यता अभियान के आंकड़े उनके दावों की पोल खोल रहे हैं.
हर सीट पर कितने नए सदस्य बने?
- सलूंबर (उदयपुर देहात): यहां भाजपा ने 34,484 नए सदस्य बनाए, और यह 28वीं रैंक पर है.
- चौरासी (बांसवाड़ा): यहां 28,378 नए सदस्य बने, और यह 32वीं रैंक पर है.
- खींवसर (नागौर देहात): यहां 30,874 सदस्य बने और यह 30वीं रैंक पर है.
- दौसा: यहां 44,827 सदस्य बने और जिला 19वीं रैंक पर है.
- रामगढ़ (अलवर): यहां 34,877 नए सदस्य बने और यह 27वीं रैंक पर है.
- देवली-उनियारा (सवाई माधोपुर): यहां 26,620 सदस्य बने और यह जिला 34वीं रैंक पर है.
- झुंझुनूं: यहां 49,002 सदस्य बने और यह जिला 15वीं रैंक पर है.
अभियान को गति देने की कोशिशें
भाजपा का लक्ष्य है कि राजस्थान में 15 अक्टूबर तक 1.25 करोड़ नए सदस्य बनाए जाएं. अभियान का पहला चरण 25 सितंबर को खत्म हो गया, लेकिन अब तक केवल 23 लाख नए सदस्य ही बनाए जा सके हैं. अभियान का दूसरा चरण 1 अक्टूबर से शुरू होगा, और अब इसमें जिला परिषद सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, और पार्षदों को भी जोड़ा जा रहा है ताकि अभियान को और रफ्तार दी जा सके.
उपचुनाव कब होंगे?
आमतौर पर विधानसभा सीटें खाली होने के 6 महीने के भीतर उपचुनाव करवाए जाते हैं. राजस्थान की सात सीटों में से पांच मई में ही खाली हो गई थीं. उम्मीद है कि इन उपचुनावों का आयोजन नवंबर तक हो जाएगा, क्योंकि चुनाव आयोग की टीम ने हाल ही में इन जगहों का दौरा किया है.