राजस्थान में फरवरी से शुरू होगी 'फार्मर रजिस्ट्री', CM भजनलाल शर्मा का बड़ा एलान
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बताया कि प्रदेश में फरवरी से फार्मर रजिस्ट्री शुरू की जाएगी. पिछले साल दिसंबर में सीकर जिले से इस मिशन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था. इन कैंपों को लेकर तैयारी पूरी करने और पर्यवेक्षण एवं जिला स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.

Rajasthan Farmer Registry: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एग्रीस्टैक योजना की समीक्षा बैठक की. सीएम ने बताया कि प्रदेश में फरवरी से फार्मर रजिस्ट्री शुरू की जाएगी. पिछले साल दिसंबर में सीकर जिले से इस मिशन को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया गया था.
जानकारी के अनुसार, सीएम ने गुरुवार को एग्रीस्टैक योजना एवं फार्मर रजिस्ट्री रोल-आउट को लेकर बैठक की. जिसमें बताया कि इस मिशन तहत कई चरणों में ग्राम पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैंप लगाए जाएंगे. इन कैंपों को लेकर तैयारी पूरी करने और पर्यवेक्षण एवं जिला स्तर पर मॉनिटरिंग की जा रही है. इसके लिए सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.
प्रदेश भर में लगेंगे कैंप
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि कैंपों में किसी भी नागरिक को परेशानी न इसके लिए इंतजाम किए जा रहे हैं. इनमें अन्य विभागों से संबंधित सेवाओं को भी शामिल किया जाए. उन्होंने बताया कि एग्रीस्टैक किसान केंद्रित समाधान उपलब्ध करवाने की दिशा में अच्छी पहल है. इससे कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति की शुरुआत होगी. साथ ही किसानों की जानकारी या डेटाबेस तैयार करते हुए हर किसान को विशिष्ट फार्मर आईडी दी जाएगी. किसानों को केंद्र और राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलने में मदद मिलेगी.
डिजिटल क्रांति की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट से कृषि क्षेत्र में डिजिटल क्रांति शुरू होगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह प्रदेश में एग्रीस्टैक परियोजना को लेकर मिशन मोड़ पर कार्य किया जाए. इससे जुड़ने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करें. किसानों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जाए, जिससे वे किसी भी सरकारी योजना से वंचित न रह जाएं. इसलिए किसान हित में की गई इस महत्वपूर्ण पहल का बड़े स्तर पर सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी किया जाए.
किसानों को होगा ये लाभ
ग्रीस्टैक कृषि से जुड़ी डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की परियोजना है. इसके तहत डिजिटल रूम में क्रॉप सर्वे, फार्मर रजिस्ट्री एवं जमीन के नक्शे का डेटाबेस निर्माण कर प्रत्येक किसान को अलग-अलग आईडी दी जाएगी. इसमें राष्ट्रीय स्तर पर डेटा तैयार करने से लेकर पीएम किसान सम्मान निधि में ऑटोमेशन, किसान क्रेडिट कार्ड योजना सहित अन्य स्कीमों का किसानों को आसानी से लाभ मिलेगा.