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'अस्पताल में सुविधा नहीं, मैं तो रात का खाना खाने मां के साथ आया था'- जयपुर अग्निकांड पर परिजनों ने बताया कि डॉ इग्नोर कर निकल गए

जयपुर के SMS अस्पताल में हुए अग्निकांड में परिजन नाराज: अस्पताल में कोई सुविधा नहीं मिलने की शिकायत, मरीजों के परिजन ने बताया कि डॉक्टर ने धुआं उठने की बात को अनदेखा किया और चले गए. घटना में कई मरीजों की मौत और घायल होने की खबर है, परिजन प्रशासन से सुरक्षा और जवाबदेही की मांग कर रहे हैं.

अस्पताल में सुविधा नहीं, मैं तो रात का खाना खाने मां के साथ आया था- जयपुर अग्निकांड पर परिजनों ने बताया कि डॉ इग्नोर कर निकल गए
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( Image Source:  Social Media )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 6 Oct 2025 8:42 AM IST

राजस्थान के जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार की रात लगी भीषण आग ने मरीजों और उनके परिजनों की जिंदगी बुरी तरह प्रभावित कर दी. आग से आठ मरीजों की मौत हो गई और कई गंभीर रूप से घायल हो गए. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में आग बुझाने की कोई सुविधा नहीं थी और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मरीजों को समय पर बचाया नहीं जा सका.

परिजन बताते हैं कि आग के समय कई लोग खाना खा रहे थे या बाहर थे और उन्हें आईसीयू में लगी आग की भनक तक नहीं थी. कई परिवार अब अपने प्रियजनों की मौत पर शोक व्यक्त कर रहे हैं और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. एक परिजन ने बताया कि हमने धुआं आने की सूचना दी तो हमें इग्नौर किया गया.

मरीजों और परिजनों के दर्दभरे बयान

नरेंद्र सिंह ने बताया, 'मैं नीचे सिर्फ खाना खाने आया था. ICU में आग लगी थी, लेकिन अस्पताल में कोई उपकरण नहीं था, न डॉक्टर थे और न ही कोई कपाउंडर. मेरी मां वहीं भर्ती थीं और उनकी मौत हो गई.' ओम प्रकाश ने अपने 25 वर्षीय भतीजे पिंटू की मौत का दर्द साझा किया. 'हमने 11:20 बजे जब धुआं देखा तो डॉक्टरों को आग लगने की जानकारी दी. धुआं बढ़ता गया और डॉक्टर व कर्मचारी भाग गए. केवल चार-पांच मरीजों को बचाया जा सका. मेरा भतीजा ठीक था, दो-तीन दिन में डिस्चार्ज होने वाला था, लेकिन वह मर गया.'

जोगेंद्र सिंह ने भी अस्पताल की लापरवाही पर निराशा जताई. 'मैंने डॉक्टरों को चार-पांच बार आग की सूचना दी, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया. अचानक धुआं फैल गया और स्टाफ भाग गया. मेरी मां वहीं फंसी रही. भाई को किसी तरह बचाया गया, लेकिन अब उसकी हालत गंभीर है.' रंजीत सिंह राठौर ने बताया कि आग लगने के समय उनके भाई ICU में भर्ती थे. 'मैं अस्पताल पहुंचा, पहले मुझे अंदर नहीं जाने दिया गया. जब अंदर गया तो भाई की मौत हो चुकी थी.'

रामाकांत ने अपनी बहन सरवेश के बारे में बताया, जो सिर की चोट के बाद सर्जरी के बाद बेहोश थी. “हमारी कोई नहीं सुनी, मेरी मौसी की बेटी सरवेश दम तोड़ गई. SMS अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर इंचार्ज अनुराग ढाकड़ ने सभी आरोपों को खारिज किया. उन्होंने NDTV से कहा, “धुआं और जहरीली गैसें तेजी से फैल गईं, जिससे ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को बचाना मुश्किल हो गया.

हमारी टीम और स्टाफ ने सभी मरीजों को बाहर निकालने की पूरी कोशिश की. हमने फायर एक्सटिंग्विशर और फायर ब्रिगेड की मदद ली. आठ मरीज जलने और दम घुटने से मरे. पोस्टमॉर्टम के बाद और स्पष्ट जानकारी मिलेगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रात में अस्पताल का दौरा किया और घटना को 'अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण' बताया. उन्होंने कहा, 'हम हरसंभव कदम उठा रहे हैं ताकि मरीजों और प्रभावित परिवारों को तुरंत राहत मिले. स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है.'

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