1 फोन से खुली जल जीवन मिशन की हकीकत, IAS टीना डाबी के सामने हुआ अफसरों का पर्दाफाश
हाल ही में जल जीवन मिशन अभियान की समीक्षा की, जिसमें अफसरों की झूठी पोल खोलकर रख दी. दरअसल गांव में तीन साल पहले नल कनेक्शन दिए गए, लेकिन नल में पानी की बूंद तक नहीं है.

सरकारी फाइलों में विकास तेजी से हो रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है. मंगलवार को बाड़मेर में टीना डाबी, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और अफसरों की मीटिंग थी. इस दौरान एक फोन कॉल के जरिए अफसरों के झूठ का पर्दाफाश हुआ. दरअसल 6 महीने पहले अफसरों ने मीटिंग में दावा किया था कि गांव के लोगों को पानी मिलेगा.
ऐसे में सांसद ने तुरंत गांव वालों को फोन लगाया, जहां उन्हें बताया गया कि कनेक्शन लग गए हैं, लेकिन पानी नहीं मिला है. हम इस बार की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती है. इस मीटिंग का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस मीटिंग में उम्मेदाराम बेनीवाल के अलावा आईएएस टीना डाबी, रविंद्र सिंह भाटी और जिले के अन्य अधिकारी भी शामिल थे.
कहां का है मामला?
यह मामला बाड़मेर जिले के अर्जुन का तला गांव का है. मंगलवार को जल जीवन मिशन के तहत जल एवं स्वच्छता मिशन की समीक्षा बैठक हुई, जहां कलेक्टर, सांसद, विधायक और अन्य आधिकारी मौजूद थे. इन अफसरों ने सांसद को बताया कि इस गांव में पानी सप्लाई शुरू हो चुकी है.
कई मुद्दों पर हुई चर्चा
इस बारे में उम्मेदाराम बेनीवाल ने एक्स पर लिखा 'आज बाड़मेर जिला कलेक्ट्रेट कॉन्फ्रेंस हॉल में जल जीवन मिशन अंतर्गत बाड़मेर जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की समीक्षा बैठक के आयोजन में शामिल होकर एजेण्डे के बिन्दुवार जल जीवन मिशन के अंतर्गत स्वीकृत योजनाओं की तकनीकी स्वीकृतियों एवं निविदा व कार्यादेश की स्थिति, स्वीकृत योजनाओं की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा, FHTC के निर्धारित लक्ष्य व प्रगति एवं एक्शन प्लान, नल कनेक्शन के कार्यो की स्थिति व प्रगति, वी.डब्ल्यू.एस.सी के गठन एवं ग्राम कार्य योजना (विलेज एक्शन प्लान) की प्रगति एवं आईएमआईएस पर इन्द्राज की स्थिति, परियोजना में सम्मिलित गांवों की कार्य योजना व जल जीवन मिशन के सुदृढीकरण पर अधिकारियों के साथ चर्चा की.'
धरातल पर स्थिती है अलग
जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत सरकार व अधिकारियों द्वारा हर घर पेयजल उपलब्ध कराने के निर्धारित लक्ष्य के सिर्फ आंकड़े पूरे किए गए हैं, लेकिन धरातल पर स्थिति अलग हैं. घर-घर नल कनेक्शन में अनियमितता बरती गई और जहां जिन गांवों में कनेक्शन का काम पूरा कर कपानी आपूर्ति के दावे किए जा रहे हैं ,वहां वास्तविक स्थिति यह हैं कि एक बूंद भी पानी नहीं पहुंच पाया हैं.
तीन साल पहले दिए गए थे कनेक्शन
साथ ही, उन्होंने बताया कि 'घटिया गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के साथ सरकारी राजस्व बजट के दुरुपयोग के अलावा कुछ नहीं हैं. सरकार द्वारा सिर्फ कनेक्शन देने का लक्ष्य हैं, लेकिन पानी पहुंचाने का न कोई विजन नजर नहीं आ रहा हैं. जिस जगह नल कनेक्शन दिए हुए तीन साल बीत गए, वहां अभी तक पानी नहीं पहुंचा है.'