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अब कुत्ते भी कर रहे ब्लड डोनेट, कालू, बहरा और भूरी बचा रहे जिंदगियां!

अक्सर रक्तदान शिविरों में लोगों को बढ़ चढ़कर ब्लड डोनेट करते हुए देखते हैं, लेकिन जयपुर में रक्तदान का एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां कुत्तों ने भी रक्तदान किया है. बता दें कि यह एक सच्ची और अनोखी घटना है जो यह बताती है कि रक्तदान की भावना सिर्फ इंसानों तक ही सीमित नहीं है.

अब कुत्ते भी कर रहे ब्लड डोनेट, कालू, बहरा और भूरी बचा रहे जिंदगियां!
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( Image Source:  Freepik )
कुसुम शर्मा
Edited By: कुसुम शर्मा

Updated on: 23 Jan 2025 8:50 PM IST

राजस्थान के अलवर में युवाओं ने एक अनोखा प्रयास किया है. जहां कुत्ते भी अब ब्लड डोनेट कर रहे हैं. बता दें कि यह प्रयास घायल औऱ जरूरतमंद कुत्तों की जान बचाने के लिए किया जा रहा है. जिसका उद्देश्य ब्लड की कमी से होने वाली मौतों को रोकना है. जो न सिर्फ कुत्तों की जान बचा रहा है, बल्कि समाज में अच्छी मिसाल पेश कर रहे है.

हम अक्सर रक्तदान शिविरों में लोगों को बढ़ चढ़कर ब्लड डोनेट करते हुए देखते हैं, लेकिन जयपुर में रक्तदान का एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां कुत्तों ने भी रक्तदान किया है. बता दें कि यह एक सच्ची और अनोखी घटना है जो यह बताती है कि रक्तदान की भावना सिर्फ इंसानों तक ही सीमित नहीं है.

कालू, बहरा और भूरी ने किया ब्लड डोनेट

राजस्थान के अलवर जिले में एक यूनीक ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित किया जा रहा है, जहां कुत्ते ब्लड डोनेट करते हैं. यह कैंप उन स्ट्रीट और पालतू डॉग की जान बचाने के लिए आयोजित किया जा रहा है, जो सड़क हादसों या कोई अन्य घटनाओं में घायल हो जाते हैं और उनके शरीर से ज्यादा खून बह जाता है. अलवर जिले के पशु चिकित्सालय में घायल डॉग्स का इलाज किया जाता है और यहीं पर कुत्ते ब्लड भी डोनेट करते हैं. बता दें कि अलवर में सबसे पहले कुछ कुत्तों ने रक्तदान किया, जिनके नाम कालू, बहरा और भूरी हैं.

युवाओं ने बनाया ग्रुप

वहीं राजस्थान के युवाओं ने दिल जितने वाला कदम उठाया है. जिसमें कई जिलों के युवा शामिल हैं. जहां उन्होंने एक ग्रुप भी बनाया है जो घायल कुत्तों का इलाज करने और उनकी जान बचाने के लिए काम करता है. युवा बताते हैं कि कई साल पहले ब्लड की कमी के चलते कई कुत्तों की मौत का मामला सामने आया था. जिसके बाद उन्होंने नौकरी के साथ-साथ इन कुत्तों का इलाज करने का फैसला लिया. जानकारी के अनुसार जिले के पशु चिकित्सालय में 85 कुत्तों के अलावा अन्य जीव भी हैं. जब भी कोई कुत्ता घायल होता है, तो पहले उसका इलाज करते हैं और जरूरत होने पर उसे ब्लड चढ़ाते हैं. साथ ही, उन दूसरे डॉग्स से ब्लड लेने से पहले उनका समय-समय पर ट्रीटमेंट और चेकअप भी करवाया जाता है.

समय पर खून मिलने से बचेगी कुत्तों की जान

ग्रुप के एक सदस्‍य दिवाकर ने जानकारी देते हुए बताया कि इंसानों के लिए ब्लड देने के लिए लोगों की लाइन लग जाती है, लेकिन कुत्ते जैसे वफादार और बेजुबान जानवरों की मदद करने के लिए कोई आगे नहीं आता. कुत्ते अपनी पूरी जिंदगी लोगों का ध्यान रखने में निकाल देते हैं, इसलिए इनका भी ध्यान रखना चाहिए. इस उद्देश्य से अब घायल कुत्तों को समय पर ब्लड मिलने से उनकी जान बचाई जा सकती है.

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