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25 बाघों का नहीं चल रहा कुछ अता-पता! रणथंभौर टाइगर रिजर्व से हुए गायब

जयपुर में रणथंभौर टाइगर रिजर्व से 25 बाघों के लापता होने की खबर सामने आई है. बाघों के लुप्त होने की जानकारी लंबे समय से टाइगर मॉनिटरिंग रिपोर्ट में आ रही है. पिछले एक साल से 75 बाघों में से 25 बाघों का पता नहीं चल रहा है. यानी एक साल से ये बाघ गायब हैं.

25 बाघों का नहीं चल रहा कुछ अता-पता! रणथंभौर टाइगर रिजर्व से हुए गायब
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निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 6 Nov 2024 11:40 AM IST

Jaipur News: भारत सरकार बाघ के संरक्षण के लिए लगातार अभियान चला रही है. प्रजाति विलुप्त का हो इसके लिए देश भर में टाइगर रिजर्व स्थापित किए गए हैं. अब राजस्थान की राजधानी जयपुर से 25 बाघों के लापता होने की खबर सामने आई है. जिसने राज्य और केंद्र सरकार की चिंता बढ़ा दी है.

जयपुर स्थित रणथंभौर टाइगर रिजर्व में बाघों के लुप्त होने की जानकारी लंबे समय से टाइगर मॉनिटरिंग रिपोर्ट में आ रही है. प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि इस मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है.

25 बाघों हुए लुप्त

वन विभाग की टाइगर मॉनिटरिंग में खुलासा हुआ कि रणथंभौर में पिछले एक साल से 75 बाघों में से 25 बाघों का पता नहीं चल रहा है. यानी एक साल से ये बाघ गायब हैं. इन्हें ट्रैक किया जा रहा है. इस जानकारी के सामने आने से हड़कंप मच गया है. मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है. इसमें राजेश कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक अध्यक्ष और डॉ. टी मोहनराज, वन संरक्षक समेत अन्य होंगे.

बाघों की हो रही तलाश

जांच कमेटी लुप्त हुए बाघों की तलाश कर रही है. कमेटी टाइगर मॉनिटरिंग के समस्त रिकॉर्ड की समीक्षा करके अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. साथ ही किसी अधिकारी की लापरवाही के सामने आने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि कमेटी को 2 महीने में रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.

बाघों की पुरानी तस्वीर आई सामने

पवन कुमार उपाध्याय ने बताया कि "जब मैं मुख्य वन्यजीव वार्डन बना, तो मैंने बाघ निगरानी रिपोर्ट का अध्ययन करना शुरू किया. मैंने इस संबंध में पहला पत्र अप्रैल 2024 में लिखा था, लेकिन जवाब संतोषजनक नहीं था." उन्होंने कहा कि एक साल के भीतर आखिरी बार देखे गए 14 लापता बाघों में से एक की सबसे पुरानी तस्वीर 17 मई, 2024 की है और सबसे ताजा तस्वीर 30 सितंबर की है.

उपाध्याय ने कहा, "लेकिन एक महीना भी बहुत लंबा समय होता है. इसका मतलब यह नहीं है कि इन बाघों को मार दिया गया है या उनका शिकार किया गया है. हो सकता है कि वे कैमरा ट्रैप में कैद नहीं हो रहे हों. हम तीन तरीकों से सबूत इकट्ठा करते हैं- पहला पगमार्क, दूसरा प्रत्यक्ष दृष्टि और तीसरा कैमरा ट्रैप शामिल हैं.

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