खेल बनेगा हथियार, नशे पर करेगा वार! सीएम भगवंत मान का एलान- गांव-गांव बनेगा ‘स्पोर्ट्स क्रांति’ का मैदान
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने युवाओं को नशे से दूर करने के लिए खेल को हथियार बनाया है. उन्होंने घोषणा की कि राज्य के गांवों में 4000 आधुनिक मैदान बनाए जाएंगे, जिनमें से 3083 पर काम शुरू हो गया है. ओलंपिक तैयारी के लिए खिलाड़ियों को लाखों रुपये की मदद दी जाएगी. पूर्व राष्ट्रीय खिलाड़ी कोच बनेंगे और नर्सरी भी स्थापित की जाएगी.
पंजाब में अब खेल सिर्फ मेडल जीतने का जरिया नहीं रहेंगे, बल्कि युवाओं को नशे की गिरफ्त से निकालने का सामाजिक आंदोलन बनेंगे. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक नई ‘खेल क्रांति’ का ऐलान करते हुए कहा है कि राज्य के हर गांव में अब मैदानों की गूंज सुनाई देगी, नशे की नहीं.
चंडीगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने दो टूक कहा- “खेल ही नशे का सबसे मजबूत विकल्प है. जो अपने शरीर से प्यार करेगा, वो नशे को कभी छूएगा भी नहीं.” इसी सोच के साथ पंजाब सरकार अब खिलाड़ियों को सिर्फ सम्मान नहीं, संसाधन भी देगी.
गांव-गांव बिछेगा ‘खेल का जाल’
सरकार 4,000 आधुनिक स्पोर्ट्स ग्राउंड्स विकसित कर रही है, जिनमें से 3,083 पर काम तेजी से जारी है. हर मैदान सिर्फ मिट्टी का टुकड़ा नहीं होगा, बल्कि वहां एस्ट्रोटर्फ, सिंथेटिक ट्रैक, और उच्च-स्तरीय प्रशिक्षण सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी.
ओलंपिक की तैयारी में भी मदद
मुख्यमंत्री ने साफ किया कि अब सरकार खिलाड़ियों को सिर्फ मेडल जीतने के बाद इनाम नहीं देगी, बल्कि तैयारी के समय ही लाखों रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. इससे उन्हें होटल, ट्रेनिंग और डाइट की चिंता नहीं करनी होगी.
खिलाड़ियों से ही बनेंगे कोच
सरकार की योजना है कि देश के लिए खेल चुके अनुभवी खिलाड़ी अब नई पीढ़ी को तैयार करेंगे. खेल नर्सरियां खोली जाएंगी और अनुभवी खिलाड़ियों को कोच बनाया जाएगा, ताकि अनुभव सीधे मैदान में उतरे.
पंजाबी टैलेंट पर गर्व
सीएम मान ने गर्व से बताया कि “इस समय भारतीय क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल टीमों के कप्तान पंजाबी हैं. पंजाबियों के पास टैलेंट की कोई कमी नहीं, जरूरत है उन्हें मैदान, ट्रेनिंग और मौके देने की.”
नशे के खिलाफ मैदान में सरकार
सरकार का मकसद सिर्फ मेडल नहीं, बल्कि पंजाब की नसों से नशा निकालना है. मान ने कहा कि युवाओं को मोबाइल और नशे की लत से बाहर लाने का सबसे सशक्त हथियार खेल है. अब हर गांव से एक खिलाड़ी निकलेगा, जो अपने साथ सौ और बच्चों को मैदान की राह दिखाएगा.
भगवंत मान की सरकार अब खेल को सिर्फ खेल नहीं, बल्कि पंजाब की नई पहचान और पुनर्जागरण का जरिया बना रही है. यह सिर्फ मैदानों की बात नहीं, बल्कि पंजाब की नसों में ऊर्जा और उम्मीद भरने का संकल्प है.





