मध्य प्रदेश में एक दिल के साथ पैदा हुआ जुड़वा बच्चा, शरीर से जुड़े हैं चार हाथ, चार पैर और दो सिर
मध्य प्रदेश में एक अनोखे बच्चे का जन्म हुआ है. बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में एक अनोखा बच्चा पैदा हुआ है जिसके बाद से उसके घर वाले बहुत परेशान हैं. अस्पताल में मौजूद सभी डॉक्टर भी बच्चे को देख दंग रह गए हैं.

मध्य प्रदेश की एक महिला ने अनोखे बच्चे को जन्म दिया है. वह बच्चा कोई आम बच्चा नहीं है, उसके दो सिर, चार पैर, चार हाथ और एक पेट है. इस बच्चे के जन्म के बाद से शहर में चर्चा हो रही है.
मिली हुई जानकारी के मुताबिक, अनूपपुर के निवासी रवि जोशी की पत्नी वर्षा गर्भवती थी, प्रसव पीड़ा के चलते उसे बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया था, तभी महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया जो बेहद ही अनोखा था, जी हां उस बच्चे के दो सिर, चार पैर, चार हाथ और एक पेट है. उस बच्चे का दुनिया में आना लोगों के लिए चर्चा का विषय बन गया. बच्चे के जन्म से नर्स और डॉक्टर सभी हैरान है.
बच्चों का इलाज जारी
शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ का कहना है कि बच्चे के जन्म के बाद से ही उसे NICU में रखा गया है, जहां पर उसका इलाज किया जा रहा है. इस बच्चे को देख हर कोई दंग रह गया है. डॉक्टर के मुताबिक यह कोई आम बात नहीं है, यह एक बीमारी है जिसे कोजॉइंड ट्विंस कहा जाता है. इस तरह के मामलों में भ्रूण (एम्ब्रियो) का पूरी तरह से डिवीजन नहीं हो पाता है. जिसकी वजह से जुड़वा बच्चे शरीर के कुछ हिस्सों को शेयर करते हैं.
डॉक्टर भी हुए हैरान
बिरसा मुंडा मेडिकल कॉलेज शहडोल में एक अनोखा बच्चा पैदा हुआ है जिसके बाद से उसके घर वाले बहुत परेशान हैं. अस्पताल में मौजूद सभी डॉक्टर भी बच्चे को देख दंग रह गए हैं. ऐसे मामले में दो अलग-अलग भ्रूण प्रारंभ व्यवस्था में गर्भ के अंदर एक दूसरे से चिपक जाते हैं. जिसकी वजह से ऐसा कुछ हो जाता है. इन बच्चों को आगे जीवन में स्वस्थ रहना बहुत मुश्किल होता है.
जुड़वा अनोखा बच्चा
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉक्टर नागेंद्र सिंह का कहना है,'ऐसे मामले बहुत कम देखने को मिलते हैं. ऐसे बच्चों को सीमन्स ट्विंस भी कहा जाता है.जिसमें दो अलग-अलग भ्रूण शुरुआती अवस्था में गर्भ के अंदर एक दूसरे से चिपक जाते हैं. जिससे ऐसी स्थिति पैदा हो जाती है. ऐसे बच्चों का जीवन आगे स्थिर रह पाना बहुत कठिन होता है. दोनों के दो सर है, दो चेहरे हैं, लेकिन किडनी, लीवर एक-एक हैं. इन्हें अलग नहीं किया जा सकता. ऐसे बच्चों को कोजॉइंड ट्विंस भी कहा जाता है.'' डॉक्टर का कहना है कि दुनिया में 2 लाख में से एक बच्चा ऐसा पैदा होता है. ऐसे 95 फीसदी बच्चे जन्म के 1 साल के भीतर दम तोड़ देते हैं. एक अनुमान यह भी है कि 2 लाख में से केवल एक जुड़वा बच्चा ही ऐसा होता है जो लंबा जीवन जीता है.'