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मुझे मेरी बीवी से बचाओ! मच्छर मारने की दवा पी चुकी, आत्महत्या की देती है धमकी; मारपीट का वीडियो देख अधिकारी हैरान

मध्य प्रदेश के अजयगढ़ निवासी 30 वर्षीय लोको पायलट लोकेश कुमार मांझी पर सतना में उनके ही घर में पत्नी हर्षिता और सास ने बेरहमी से हमला किया. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लोकेश हाथ जोड़कर अपनी पत्नी से रहम की भीख मांगते नजर आ रहे हैं, लेकिन उनकी पत्नी और सास उनकी बेरहमी से पिटाई कर रही हैं.

मुझे मेरी बीवी से बचाओ! मच्छर मारने की दवा पी चुकी, आत्महत्या की देती है धमकी; मारपीट का वीडियो देख अधिकारी हैरान
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सागर द्विवेदी
Edited By: सागर द्विवेदी

Published on: 2 April 2025 4:35 PM

मध्य प्रदेश के अजयगढ़ निवासी 30 वर्षीय लोको पायलट लोकेश कुमार मांझी पर सतना में उनके ही घर में पत्नी हर्षिता और सास ने बेरहमी से हमला किया. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें लोकेश हाथ जोड़कर अपनी पत्नी से रहम की भीख मांगते नजर आ रहे हैं, लेकिन उनकी पत्नी और सास उनकी बेरहमी से पिटाई कर रही हैं.

पत्नी की प्रताड़ना से परेशान लोकेश पुलिस अधीक्षक (SP) कार्यालय पहुंचे और न्याय की गुहार लगाई. उन्होंने बताया कि शादी के बाद से ही उनकी पत्नी उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित कर रही थी. इसके अलावा, उनकी सास और साला भी उन्हें मारने-पीटने में शामिल थे.

भारत में पुरुषों के लिए कोई कानूनी संरक्षण नहीं?

भारत में घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 केवल महिलाओं की सुरक्षा के लिए बना है. इस कानून के तहत केवल महिलाएं ही घरेलू हिंसा की शिकार और शिकायतकर्ता मानी जाती हैं. ऐसे में अगर कोई पुरुष अपनी पत्नी या ससुराल वालों से प्रताड़ित हो रहा है, तो उसके पास सीधे तौर पर कोई विशेष कानूनी सुरक्षा नहीं होती.

पुरुषों के लिए कानूनी विकल्प

धारा 323 (IPC): अगर कोई व्यक्ति किसी पुरुष को चोट पहुंचाता है, तो उसके खिलाफ मामला दर्ज हो सकता है.

धारा 506 (IPC): अगर कोई किसी को धमकाता है या डराने की कोशिश करता है, तो इस धारा के तहत शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

धारा 384 (IPC): अगर पत्नी या ससुराल वाले ब्लैकमेल करके पैसे मांग रहे हैं, तो यह जबरन वसूली का मामला बन सकता है.

धारा 498A (IPC) के दुरुपयोग पर अपील: अगर पत्नी झूठा दहेज उत्पीड़न का केस कर रही है, तो पुरुष झूठी शिकायत के खिलाफ हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है.

क्या बदलाव की जरूरत है?

आज के समय में केवल महिलाओं को ही घरेलू हिंसा का शिकार मानना सही नहीं. कई पुरुष भी घरेलू हिंसा और झूठे मुकदमों के शिकार होते हैं. इसलिए, सरकार को चाहिए कि "लैंगिक समानता" के आधार पर घरेलू हिंसा कानून में संशोधन करे और पुरुषों को भी सुरक्षा दे.

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