बिना पैसे के नहीं होगा कोई काम! भोपाल में अधिकारी के रिश्वत कांड का खुलासा, 5 सालों में सैलरी से 900 गुना की कमाई
भारतीय खाद्य निगम में काम करने वाले कर्मचारी को लेकर बड़ा रिश्वतकांड का खुलासा हुआ है. उसने पांच साल की नौकरी में उसने आय से 900 गुना ज्यादा कमा लिए. मामले की जांच के दौरान पुलिस को अधिकारी मीणा के घर से 3.96 करोड़ से अधिक का कैश बरामद हुआ है. कोर्ट ने नकदी को जब्त करने सका आदेश दिया है.

Bhopal News: भोपाल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर एक शख्स की सैलरी कम होते हुए भी वह करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया. पांच साल की नौकरी में उसने आय से 900 गुना ज्यादा कमा लिए.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय खाद्य निगम में काम करने वाले कर्मचारी का यह मामला है. वह हर काम रिश्वत लिए बिना नहीं करता था. सीबीआई की एसीबी भोपाल ब्रांच ने उसे 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया और गिरफ्तार कर लिया.
रिश्वत लेकर खड़ी की प्रॉपर्टी
सीबीआई की कार्रवाई के बाद यह मामला कोर्ट पहुंच गया. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने अधिकारी को पांच साल की सजा सुनाई है जबकि साढ़े 4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. रिश्वत लेने वाले अधिकारी का नाम किशोर मीणा है, अगर वह जुर्माना नहीं भरता तो 1 साल के अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा होगी.
घर से 3.96 करोड़ कैश बरामद
मामले की जांच के दौरान पुलिस को अधिकारी मीणा के घर से 3.96 करोड़ से अधिक का कैश बरामद हुआ है. कोर्ट ने नकदी को जब्त करने सका आदेश दिया है. 27 मई 2021 को संदीप कुमार सिक्योरिटीज के फील्ड मैनेजर शिव दयाल द्विवेदी ने भोपाल स्थित सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में शिकायत की थी. उन्होंने बताया कि भारतीय खाद्य निगम, संभागीय कार्यालय, भोपाल के अधिकारियों ने उनके लंबित बिलों के भुगतान के लिए रिश्वत मांगी है. इसके बाद सीबीआई ने जांच शुरू की.
आरोपी की कैसी हुई गिरफ्तारी?
सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोपी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया है. अरुण श्रीवास्तव व मोहन पराते ने अहम खुलासे किए. उन्होंने कहा कि संभागीय प्रबंधक हरीश प्रकाश हिनौनिया के निर्देश पर यह रिश्वत ली गई है. फिर जांच एजेंसी ने अरुण को हरीश प्रकाश हिनौनिया को पैसे देने के लिए भेजा. उस समय किशोर मीणा को पैसे देने को कहा गया. किशोर जैसे ही रिश्वत की रकम ली, सीबीआई ने सभी आरोपियों गिरफ्तार किया.
CBI को मिला था 9 महीने का समय
आरोपी किशोर मीणा को भोपाल हाईकोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट ने मीणा की जमानत याचिका खारिज कर दी. उसने कई बार रिहाई के लिए अपील की लेकिन हर बार उसे रद्द कर दिया गया. हाईकोर्ट ने सीबीआई कोर्ट भोपाल को निर्देश दिया था कि इस मामले को 9 महीने के अंदर निपटा लें. इसके बाद सीबीआई कोर्ट ने लगभग 6 महीने 20 दिन में इस केस को सुलझा लिया.