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MP के इन 17 शहरों में नहीं छलका सकेंगे जाम, कहीं आपका शहर भी तो नहीं है लिस्‍ट में?

मध्य प्रदेश के प्रमुख धार्मिक शहरों में हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं और इन्हें आस्था के प्रमुख केंद्र माना जाता है. इसमें उज्जैन, मैहर, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, नगर पंचायत ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक, महेश्वर, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर शामिल है. साथ ही ग्राम पंचायत में सलकनपुर, बांदकपुर, कुंडलपुर, बरमान कला, लिंगा व बरमान खुर्द भी शामिल है.

MP के इन 17 शहरों में नहीं छलका सकेंगे जाम, कहीं आपका शहर भी तो नहीं है लिस्‍ट में?
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नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 24 Jan 2025 4:08 PM IST

मध्य प्रदेश में शराबबंदी हमेशा एक महत्वपूर्ण मुद्दा रहा है, जिस पर सत्तारूढ़ दल और विपक्ष दोनों ही समय-समय पर अपनी आवाज उठाते रहे हैं. 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में भी यह मुद्दा गरमाया था. चुनाव के बाद राज्य सरकार ने एक अहम कदम उठाते हुए शराबबंदी की प्रक्रिया की शुरुआत कर दी है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की कि राज्य के पहले चरण में 17 शहरों में शराबबंदी लागू की जाएगी, जिसमें उज्जैन नगर निगम भी शामिल है.

मुख्यमंत्री ने इस फैसले के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य धीरे-धीरे शराबबंदी की दिशा में कदम बढ़ाएगा और इस प्रक्रिया के तहत 17 धार्मिक नगरों में शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा. इनमें उज्जैन के साथ-साथ मैहर, दतिया, पन्ना, मंडला, मुलताई, मंदसौर, नगर पंचायत ओरछा, चित्रकूट, अमरकंटक, महेश्वर, ओंकारेश्वर, मंडलेश्वर शामिल हैं. इसके अलावा, ग्राम पंचायत क्षेत्रों में सलकनपुर, बांदकपुर, कुंडलपुर, बरमान कला, लिंगा और बरमान खुर्द को भी शामिल किया गया है.

ये प्रतिबंध 1 अप्रैल से लागू होगा. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बताया कि हमने एक नगर निगम, 6 नगर पालिका, 6 नगर परिषद और 6 नगर पंचायत हैं जहां शराबबंदी हुई है. यह निर्णय संतों और धार्मिक नेताओं की लंबी अपीलों के बाद लिया गया है. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि शराब की दुकानों को इन शहरों की सीमाओं से बाहर करने के बजाए बंद किया जाएगा. मध्य प्रदेश के धार्मिक शहरों में शराबबंदी की मांग वर्षों से उठती रही है.

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