हेमंत सोरेन ने हिमंता और योगी जैसे दिग्गजों को कैसे चटाई धूल? पीएम मोदी की रैलियां भी नहीं आईं काम
Hemant Soren: हेमंत सोरेन का चौथी बार सीएम बनने का रास्ता लगभग साफ हो गया है. झामुमो गठबंधन ने पूर्ण बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया है. बीजेपी को पीएम मोदी और सीएम योगी की रैलियां भी जीत नहीं दिला सकीं. उसका सत्ता पाने का ख्वाब एक बार फिर चकनाचूर हो गया.

Jharkhand Assembly Election Result 2024: झारखंड में हेमंत सोरेन ने इतिहास रच दिया. लगातार दूसरी बार कोई गठबंधन सत्ता में वापस आ रही है. हेमंत की रणनीति के आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रैलियों का भी कोई असर नहीं दिखाई दिया.
चुनाव आयोग के मुताबिक, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने 34 सीटों पर जीत दर्ज की है, वहीं गठबंधन में शामिल कांग्रेस के खाते में 16 सीटें आई हैं. जबकि बीजेपी को महज 21 सीटों से संतोष करना पड़ रहा है. बीजेपी की तरफ से पीएम मोदी ने 7 सीटों पर रैली और एक सीट पर रोड शो किया था, जबकि सीएम योगी ने 18 सीटों पर ताबड़तोड़ रैलियां की थीं, लेकिन इनमें से महज 9 सीटों पर ही पार्टी को जीत मिल सकी.
सीएम योगी ने की ताबड़तोड़ रैलियां
सीएम योगी ने बोकारो, बेरमो, राजमहल, जामताड़ा, देवघर, भवनाथपुर, हुसैनाबाद, पांकी, डॉल्टनगंज, निरसा, कोडरमा, बरकागांव, जमशेदपुर ईस्ट, जमशेदपुर वेस्ट, पोटका, जुगसलाई, नाला और लातेहार सीटों पर प्रचार किया था, जबकि पीएम मोदी ने गुमला, देवघर, गोड्डा, बोकारो, गढ़वा, चाईबासा और चंदनकियारी में रैली को संबोधित किया था. इसके साथ ही, उन्होंने रांची में एक रोड शो भी किया था.
18 में से 7 सीटों पर जीत दिला सके योगी
सीएम योगी ने जिन 18 क्षेत्रों में रैलियां की, उनमें से केवल 7 सीटों कोडरमा, लातेहार, जमशेदपुर ईस्ट, जमशेदपुर वेस्ट, बरकागांव, डाल्टनगंज और पांकी पर जीत हासिल हुई. वहीं, पीएम मोदी ने जिन 7 सीटों पर प्रचार किया, उनमें से केवल गढ़वा, कोडरमा और रांची में ही बीजेपी जीत दर्ज कर पाई है. आइए, इन विधानसभा सीटों पर एक नजर डालते हैं...
- नाला - झामुमो उम्मीदवार रविंद्रनाथ महतो ने 10 हजार 483 वोट से जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी के माधव चंद्र महतो को हराया.
- कोडरमा- बीजेपी प्रत्याशी डॉ नीरा यादव ने 5815 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने राजद प्रत्याशी सुभाष प्रसाद यादव को हराया.
- लातेहार- बीजेपी प्रत्याशी प्रकाश राम ने झामुमो के बैद्यनाथ राम को 434 वोटों से हराया. प्रकाश राम को 98062 मिले, जबकि बैद्यनाथ को 97628 वोट मिले.
- निरसा- कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (लिबरेनशन) के अरुप चटर्जी ने बीजेपी के अपर्णा सेनगुप्ता को 1808 वोटों से हराया. अरुप को 104855 वोट मिले, जबकि अपर्णा को 103047 वोट मिले.
- जमशेदपुर ईस्ट- बीजेपी की पूर्णिमा साहू ने ने कांग्रेस के अजय कुमार को 42871 वोटों से हराया.
- जमशेदपुर वेस्ट- जदयू के सरयू राय ने कांग्रेस प्रत्याशी बन्ना गुप्ता को 7863 वोटों से हराया.
- जुगसलाई- झामुमो के मंगल कलिंदी ने आजसू प्रत्याशी राम चंद्र सहिस से 43445 मतों से हराया.
- बोकारो- कांग्रेस प्रत्याशी श्वेता सिंह ने जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी के बिरंची नारायण को 7207 वोटों से हराया. श्वेता को 133438 मत मिले, जबकि बिरंची नारायण को 126231 वोट मिले.
- बेरमो- कांग्रेस प्रत्याशी कुमार जयमंगल उर्फ अनूप सिंह ने जीत दर्ज की. उन्होंने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के जयराम कुमार महतो को 29375, जबकि बीजेपी प्रत्याशी रविंद्र कुमार पांडेय को 31894 वोटों से हराया.
- बरकागांव- बरकागांव से बीजेपी प्रत्याशी रोशल लाल चौधरी ने 31106 मतों से जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस की अंबा प्रसाद को हराया.
- डाल्टनगंज- डाल्टनगंज से बीजेपी उम्मीदवार आलोक कुमार चौरसिया ने जीत दर्ज की. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णानंद त्रिपाठी को 890 वोटों से हराया.
- देवघर - देवघर से राजद प्रत्याशी सुरेश पासवान ने बीजेपी प्रत्याशी नारायण दास को 39721 वोटों से हराकर जीत दर्ज की.
- पांकी- बीजेपी प्रत्याशी कुशवाहा शशि भूषण मेहता ने 9796 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने निर्दलीय प्रत्याशी देवेंद्र कुमार सिंह को हराया.
- राजमहल- झामुमो प्रत्याशी मोहम्मद तैजुद्दीन ने बीजेपी प्रत्याशी अनंत कुमार ओझा को 43432 वोटों से हराया.
- जामताड़ा- कांग्रेस प्रत्याशी इरफान अंसारी ने बीजेपी प्रत्याशी सीता मुर्मु को 43676 वोटों से हराया.
- भवनाथपुर- भवनाथपुर से झामुमो प्रत्याशी अनंत प्रताप देव ने जीत दर्ज की. उन्होंने बीजेपी के भानु प्रताप शाही को 21462 वोटों से हराया.
- हुसैनाबाद - राजद प्रत्याशी संजय कुमार सिंह यादव ने बीजेपी प्रत्याशी कमलेश कुमार सिंह को 34364 वोटों से हराया.
- चंदनकियारी- झामुमो के उमा कांत रजक ने बीजेपी के अर्जुन रजवार को 33733 वोटों से हराया.
- गुमला- झारखंड मुक्ति मोर्चा के भूषण टिर्की ने बीजेपी प्रत्याशी सुदर्शन भगत को 26301 वोटों से हराया.
- चाईबासा- झामुमो प्रत्याशी दीपक बिरुआ ने बीजेपी प्रत्याशी गीता बलमुचु को 64835 वोटों से हराया.
- गोड्डा- राजद प्रत्याशी संजय प्रसाद यादव ने बीजेपी के अमित कुमार मंडल को 21471 वोटों से हराया.
- गढ़वा- बीजेपी प्रत्याशी सत्येंद्र नाथ तिवारी ने झामुमो के मिथिलेश कुमार ठाकुर को 16753 वोटों से हराया.
- रांची- रांची से बीजेपी प्रत्याशी चंद्रेश्वर प्रसाद सिंह ने 21949 वोटों से जीत दर्ज की. उन्होंने झामुमो प्रत्याशी महुआ माझी को हराया. यहां पीएम मोदी ने रोड शो किया था.
हिंमत का दावा पड़ा उल्टा
बता दें कि बीजेपी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह को झारखंड का चुनाव प्रभारी, जबकि असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को सह-प्रभारी बनाया था. हिमंत ने अपनी कई सभाओं में अवैध घुसपैठ का मामला उठाया था. इसके साथ ही बीजेपी ने माटी बेटी और रोटी का भी नारा दिया था, लेकिन कोई फायदा नहीं मिल सका. झारखंड में 13 और 20 नवंबर को मतदान हुआ था.
हिंमंत बिस्वा सरमा को झारखंड के नतीजों से तगड़ा झटका लगा है. उन्होंने एक बार कहा था कि हेमंत सोरेन रात रात को कोी सपना देखते हैं और फिर सुबह में वादा कर देते हैं. लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर हेमंत सच कब बोलते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम जनता को धोखा दे रहे हैं. घुसपैठियों की वजह से राज्य की डेमोग्राफी बदल गई है.
पीएम मोदी ने भी उठाया था बांग्लादेशी घुसपैठियों का मुद्दा
पीएम मोदी ने अपनी पहली रैली में कहा था कि केवल भाजपा सरकार ही सुविधा, सुरक्षा और समृद्धि प्रदान कर सकती है. उन्होंने झामुमो, कांग्रेस और राजद पर बांग्लादेशी घुसपैठियों का वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था, लेकिन इन सबका चुनाव पर कोई असर नहीं दिखाई दिया और बीजेपी सत्ता से दूर हो गई.
हेमंत सोरेन ने कैसे बीजेपी को चटाई धूल?
हेमंत सोरेन की जीत के कई कारण हैं. उन्होंने आदिवासी बाहुल्य सीटों पर अच्छा प्रदर्शन किया. आदिवासियों ने एक बार फिर हेमंत पर भरोसा जताया. झारखंड में आदिवासियों की आबादी 26 फीसदी से ज्यादा है. कई विधानसभा क्षेत्रों में इनकी संख्या 40 फीसदी से भी ज्यादा है. इसका असर चुनाव नतीजों पर दिखाई दिया.
इसके अलावा, हेमंत सोरेन का जेल जाना, बंटेंगे तो कटेंगे और मईया योजना का भी असर चुनाव परिणाम पर दिखाई दिया. मई योजना के तहत 51 लाख से अधिक महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये दिए जाते हैं. बीजेपी ने सरकार बनने पर 2100 रुपये प्रतिमाह देने की घोषणा की, लेकिन यह वादा काम नहीं आया.