इंजीनियरिंग में लिया था एडमिशन, पर पूरी न कर सके पढ़ाई; कैसे झारखंड की राजनीति के 'इंजीनियर' बन गए हेमंत सोरेन?
Hemant Soren: हेमंत सोरेन ने झारखंड में जो करिश्मा कर दिखाया है, उससे पहले आज तक कोई नेता नहीं कर पाया. पहली बार किसी पार्टी ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है. यह कहानी है उस शख्स की, जिसने इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी.. और फिर बन गए झारखंड की राजनीति के 'इंजीनियर'...

Hemant Soren : झारखंड में हेमंत सोरेन की पार्टी ने इतिहास रच दिया है. पहली बार कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता पर काबिज होने जा रही है. झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने कांग्रेस के साथ मिलकर पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है. इस जीत के बाद हेमंत सोरेन का चौथी बार मुख्यमंत्री बनना लगभग तय है... लेकिन क्या आप जानते हैं कि हेमंत इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर राजनीति में आ गए थे. उनकी दिलचस्पी पहले फोटोग्राफी और स्केचिंग में थी.
हेमंत सोरेन की मां रूपी सोरेन की ख्वाहिश थी कि बेटा बड़ा होकर इंजीनियर बने... मां की ख्वाहिश को पूरी करने के लिए हेमंत ने रांची के बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (BIT), मेसरा में दाखिला ले लिया था, लेकिन उनका मन पढ़ाई में नहीं लगा... इसलिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और 2003 में छात्र मोर्चा से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की. वे अपने बड़े भाई दुर्गा सोरेन की मृत्यु के बाद पूरी तरह से राजनीति में आ गए. दुर्गा सोरेन झामुमो के कद्दावर नेता थे. वे 1995 से लेकर 2005 तक जामा से एमएलए रहे. 2009 में उनका निधन हो गया.
विधायक बनने के बाद छोड़ी राज्यसभा की कुर्सी
5 जुलाई 2013... यही वह तारीख है, जब हेमंत सोरेन ने झारखंड के पांचवें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. इससे पहले, 2010 में वे बीजेपी की अर्जुन मुंडा की सरकार में डिप्टी सीएम थे. वे राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. 2009 में दुमका से विधायक बनने के बाद उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था.
अर्जुन मुंडा की सरकार में बने डिप्टी सीएम
इसके बाद, झामुमो ने बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई, जिसमें अर्जुन मंडा सीएम बने. हालांकि, यह गठबंधन ज्यादा समय तक नहीं चला. 7 जनवरी 2013 को झामुमो ने बीजेपी से समर्थन वापस ले लिया और सरकार गिर गई. इसके बाद 6 महीने तक राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू था. इसके बाद हेमंत सोरेन पहली बार 7 जनवरी 2013 को सीएम बने. वे दिसंबर 2014 तक इस पद पर रहे. हेमंत ने 2014 से 2019 तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी संभाली.
जब जमीन घोटाला मामले में सामने आया हेमंत सोरेन का नाम
31 जनवरी 2024... यह वह तारीख थी, जब हेमंत सोरेन को ईडी ने गिरफ्तार किया था. उनका नाम 2023 में जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सामने आया था. अपनी गिरफ्तारी से पहले उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया... इससे झारखंड और झामुमो परिवार में हड़कंप मच गया... आखिरकार 28 जून 2024 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली और एक हफ्ते के अंदर चंपाई सोरेन को हटाकर वे तीसरी बार सीएम बन गए.
पहले चुनाव में मिली हार
हेमंत सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे. उन्हें राजनीति विरासत में मिली. उनके पिता शिबू सोरेन पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक थे. हेमंत की राजनीतिक पारी की शुरुआत खराब रही. उन्होंने पहली बार 2005 में दुमका से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन अपनी ही पार्टी के बागी स्टीफन मरांडी के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा.
पहली बार 2009 में दुमका से बने विधायक
हेमंत सोरेन पहली बार 2009 में विधायक बने. इसके बाद 13 जुलाई 2013 से 28 दिसंबर 2014 तक, यानी 1 साल 168 दिन तक वे पहली बार सीएम बने. 2014 और 2019 में उन्होंने बरहेट सीट से जीत दर्ज की. वे 2019 में फिर से सीएम बने. इसके बाद 31 जनवरी 2024 को जब उन्हें ईडी जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार करने वाली थी, उससे पहले उन्होंने इस्तीफा दे दिया और सीएम की कुर्सी चंपाई सोरेन को सौंप दी.
चंपाई सोरेन ने 2 फरवरी को सीएम पद की शपथ ली. इसके बाद 24 जून को हेमंत रिहा हो गए और चंपाई सोरेन ने 3 जुलाई को इस्तीफा दे दिया. हेमंत ने उसी दिन सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया और फिर 5 जुलाई 2024 को तीसरी बार सीएम पद की शपथ ली.
कल्पना सोरेन से की शादी
हेमंत सोरेन का जन्म 1975 में रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में हुआ. वे पटना माध्यमिक स्कूल से 12 वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद रांची के BIT मेसरा में दाखिला लिया.. लेकिन पढ़ाई बीच में ही छोड़कर राजनीति में आ गए. हेमंत की शादी कल्पना सोरेन से हुई है, जो इस समय गांडेय सीट से विधायक हैं. उनके दो बच्चे हैं.