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हजारीबाग सेंट्रल जेल से कैदी ने भेजा मैसेज, सस्पेंड हो गए जेलर और 5 वार्डन; जानें पूरा मामला

हजारीबाग सेंट्रल जेल में अनियमितताओं के चलते जेलर विनय कुमार सिंह और पांच वार्डनों को निलंबित कर दिया गया है. जेल में सुरक्षा व्यवस्था में चूक और मोबाइल फोन सहित अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई. प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और सुधारात्मक कदम उठाने का भरोसा दिया है. जेल में अनुशासन बनाए रखने और कैदियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं.

हजारीबाग सेंट्रल जेल से कैदी ने भेजा मैसेज, सस्पेंड हो गए जेलर और 5 वार्डन; जानें पूरा मामला
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( Image Source:  Sora_ AI )

Hazaribag Central Jail Jailor Wardens suspended: झारखंड के हजारीबाग सेंट्रल जेल में हाल ही में हुई प्रशासनिक कार्रवाई ने सुरक्षा और अनुशासन के मुद्दों को उजागर किया है. जेल महानिरीक्षक (आईजी) सुदर्शन मंडल ने जेलर दिनेश वर्मा और पांच वार्डनों को कथित अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया है. इसके अतिरिक्त, अनुबंध पर कार्यरत छह पूर्व सैनिक वार्डनों को भी उनकी सेवाओं से हटा दिया गया है.

यह कार्रवाई खासमहल भूमि घोटाले के मुख्य आरोपी विनय कुमार सिंह द्वारा जेल में विशेषाधिकार प्राप्त करने के मामले के बाद की गई है. विनय कुमार सिंह ने अपने मोबाइल फोन से राज्य सरकार को जेल में भोजन की गुणवत्ता के बारे में संदेश भेजा था, जिससे यह सवाल उठे कि एक बंदी के पास मोबाइल फोन कैसे पहुंचा और उसने यह संदेश कैसे भेजा.

जेल के मुख्य द्वार पर मजिस्ट्रेट की तैनाती

सुरक्षा उपायों के तहत, जेल के मुख्य द्वार को बंद कर दिया गया है और वहां चौबीसों घंटे मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है. मुख्य द्वार के बाहर सुरक्षा बलों की एक शिविर भी स्थापित की गई है, और पुलिस सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से जेल के आसपास की गतिविधियों पर निगरानी रख रही है.

जेल सुपरिटेंडेंट जितेंद्र सिंह ने क्या कहा?

जेल सुपरिटेंडेंट जितेंद्र सिंह के मुताबिक, अनियमतितताओं के आरोप में जेलर और पांच वार्डन को सस्पेंड किया गया है. इसके साथ ही, छह पूर्व सैनिक वार्डनों को भी हटा दिया गया है. उन्होंने बताया कि इन पर एक कैदी को विशेष सुविधाएं मुहैया कराने के आरोप लगे थे, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई. उस कैदी ने अपने फोन से जेल में मिल रहे खाने की गुणवत्ता को लेकर सरकार को मैसेज भेजा था, जिसके बाद यह सवाल खड़ा हुआ कि एक कैदी, जो जेल में बंद है, उसके पास मोबाइल कैसे पहुंचा.

यह घटनाक्रम जेल प्रशासन की जवाबदेही और सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती की आवश्यकता को दर्शाता है, ताकि भविष्य में ऐसी अनियमितताएं न हों और जेल में बंदियों के अधिकारों का उल्लंघन न हो.

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