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6 और 13 साल की बच्चियों को कैसे लटकाया होगा फंदे से? परिवार के चार लोगों ने किया सुसाइड, घर में लटकी मिली लाशें

झारखंड के जमशेदपुर में एक परिवार ने फंदे से लटकर आत्म हत्या कर ली. जहां 2 नन्ही बच्चियों की भी हंसती-खेलती मुस्कान छिन गई. जब कमरे से बदबू आने लगी, तो पड़ोसियों ने पुलिस को खबर दी. जब कमरा खोला गया, तो सामने चारों लाशें लटकी हुई थी.

6 और 13 साल की बच्चियों को कैसे लटकाया होगा फंदे से? परिवार के चार लोगों ने किया सुसाइड, घर में लटकी मिली लाशें
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( Image Source:  Freepik )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 24 May 2025 5:14 PM IST

जमशेदपुर के चित्रगुप्त नगर इलाके में शुक्रवार रात एक ऐसा मंजर सामने आया, जिसने हर आंख नम कर दी. टाटा स्टील गम्हरिया के सीनियर मैनेजर कृष्ण कुमार ने कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से लड़ते-लड़ते आखिरकार उम्मीद हार दी और अपने साथ अपनी पत्नी डॉली, 13 साल की बेटी पूजा और 6 साल की नन्हीं मैया को भी इस दुनिया से साथ ले गए.

चारों के शव घर के एक ही कमरे में अगल-बगल फंदे से लटके मिले. पूरा परिवार चुपचाप, एक-दूसरे का हाथ थामे जैसे मौत को भी साथ में गले लगाया हो. न जाने कैसे एक मां और पिता ने अपनी दोनों बच्चियों को फंदे से लटकाया होगा. दोनों बच्चियां शायद यह भी नहीं समझ पाई होंगी कि उनकी हंसी को क्यों अचानक खामोशी निगल गई.

मुंबई से लौटे थे कृष्ण कुमार

कृष्ण कुमार हाल ही में मुंबई से कैंसर का इलाज कराकर लौटे थे. उन्हें थर्ड स्टेज का कैंसर बताया गया था और कीमोथेरेपी चल रही थी. लेकिन बीमारी की मार सिर्फ शरीर पर नहीं, उनके पूरे परिवार की आत्मा पर भी पड़ रही थी. उन्हें जमशेदपुर में ही कीमोथेरेपी के लिए भर्ती होना था. इसके लिए उन्होंने कंपनी में आवेदन भी दिया था. लेकिन इससे पहले ही शायद उन्होंने हार मान ली.

घर से आई बदबू से खुला राज़

स्थानीय लोगों ने बताया कि जब से कृष्ण कुमार मुंबई से लौटे थे. पूरा परिवार अवसाद में चला गया था. आख़िरी बार उन्हें बुधवार की शाम देखा गया. इसके बाद उनके घर से कोई बाहर नहीं निकला. शुक्रवार को जब कमरे से बदबू आने लगी, तब पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने दरवाज़ा तोड़कर जब कमरे में कदम रखा, तो सामने जीवन की सबसे कड़वी हकीकत थी. एक पूरा परिवार, फंदों से झूलता हुआ.

शव देख पिता हुए बेसुध

जैसे ही इस दर्दनाक घटना की जानकारी सामने आई पड़ोसी हैरान और स्तब्ध रह गए. किसी को यकीन नहीं हो रहा था कि इतना शांत, सभ्य और परिवारिक माहौल रखने वाला घर इस कदर टूट सकता है. जब कृष्ण कुमार के पिता और अन्य परिजन घटनास्थल पर पहुंचे, तो कमरे को देख उनके पैरों तले ज़मीन खिसक गई. वे बेसुध हो गए.

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