मैदा नहीं, इन हेल्दी आटों से बनाएं पकवान, सेहत की भी हो जाएगी दीवाली
दीवाली पर हमारे घरों में कई ऐसी चीजें बनती हैं, जिनमें मैदे का इस्तेमाल होता है। हालांकि, मैदा हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है।

दीवाली पर हमारे घरों में कई ऐसी चीजें बनती हैं, जिनमें मैदे का इस्तेमाल होता है। हालांकि, मैदा हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदेह होता है। इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ सकता है, जिससे वजन बढ़ने,डायबिटीज और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है।
ऐसे में आपको कुछ अन्य आटा के बारे में बताते हैं, जो मैदे का स्वस्थ विकल्प साबित हो सकते हैं।
कुट्टू का आटा- कुट्टू का आटा भी ग्लूटेन-फ्री होता है जो फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होता है। यह एनर्जी देता है और व्रत के दौरान भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
साबुत गेहूं का आटा- साबुत गेहूं का आटा फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होता है। यह मैदा की तुलना में धीरे-धीरे पचता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है। रोटियों, पराठों और बेकिंग के लिए ये एक बेहतरीन ऑप्शन है।
बाजरे का आटा- फाइबर, आयरन तथा प्रोटीन से भरपूर बाजरे का आटा ग्लूटेन-मुक्त होता है। यह पाचन शक्ति को सुधारता है और वेट मैनेजमेंट में मददगार होता है। इसका इस्तेमाल रोटी और डोसा बनाने में हो सकता है।
जौ का आटा- इसे रोटी, दलिया, या ब्रेड के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
नारियल का आटा- नारियल आटा ग्लूटेन-मुक्त, लो-कार्ब और फाइबर से भरपूर होता है। इसमें जरूरी मिनरल्स, एंटी ऑक्सीडेंट और मोनोअनसैचुरेटेड फैट की अच्छी मात्रा पाई जाती है।यह डायबिटीज के मरीजों के लिए बेहतर है और बेकिंग में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
बादाम का आटा- बादाम का आटा प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट से भरपूर होता है। इसलिए ये पाचन क्रिया को सुधारने और वजन को घटाने में सहायक होता है। इसका उपयोग बेकिंग और मिठाइयों में कर सकते हैं।
ब्राउन राइस का आटा- ब्राउन राइस का आटा ग्लूटेन-फ्री और फाइबर, मैग्नीशियम और विटामिन-बी से भरपूर होता है। यह वजन मेंटेन करने और पाचन शक्ति को सुधारने में मदद करता है। इसे रोटियों को बनाने और स्नैक्स तैयार करने में इस्तेमाल में ला सकते हैं।