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हरियाणा सरकार का ये कैसा इंतजाम! US से आए 33 डिपोर्टीज को कैदियों वाली बस में बैठाने पर मचा बवाल

US Deports Indians: शनिवारको अमेरिका से 116 भारतीय प्रवासियों अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरे. इनमें 33 हरियाणा के निवासी थी, जिन्हें उनके घर पहुंचाने के लिए उनके साथ कैदियों जैसा व्यवहार किया गया. हरियाणा सरकार ने इन लोगों के लिए कैदियों को ले जाने वाली पुलिस की बस भेजी. अब उस पर हंगामा खड़ा हो गया है. सैनी सरकार पर लोग गु्स्सा कर रहे हैं कि वह कोई कैदी नहीं जो उनके साथ ऐसा किया गया.

हरियाणा सरकार का ये कैसा इंतजाम! US से आए 33 डिपोर्टीज को कैदियों वाली बस में बैठाने पर मचा बवाल
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( Image Source:  ANI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 17 Feb 2025 9:59 AM IST

US Deports Indians: हाल में अमेरिका ने 114 अवैध प्रवासियों को वापस भारत भेज दिया था. उन्हें पंजाब के अमृतसर में उतारा गया. इसके बाद दूसरे चरण में शनिवार (15 फरवरी) देर रात 116 भारतीय प्रवासियों की देश वापसी हुई. इनमें 33 हरियाणा के थे, लेकिन हरियाणा सरकार ने उन्हें घर पहुंचाने के लिए जिन वाहनों का इस्तेमाल किया उससे विवाद खड़ा हो गया है.

जानकारी के अनुसार, हरियाणा निवासी इन 33 लोगों को कैदियों को ले जाने वाली बस में बैठाकर उन्हें उनके घर तक पहुंचाया गया. इस पर पंजाब के नेताओं ने कड़ी आलोचना की. एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह ने कहा, 'मैं ये कोई अपराधी नहीं है इसलिए मैं हरियाणा सरकार से अपील करता हूं कि कैदियों वाली बस का इस्तेमाल न करें.'

सैनी सरकार पर उठे सवाल?

अमृतसर से 33 डिपोर्टीज को लाने के लिए पुलिस बस का इस्तेमाल किया गया था. कई नेताओं ने इसकी निंदा की. पंजाब सरकार ने हरियाणा सरकार की इस तरीके को जल पर नमक छिड़कना बताया. अमेरिका से लाए गए इन लोगों को अमृतसर एयरपोर्ट पर उतारा गया था. यहां से 33 लोगों को पुलिस की दो गाड़ियों में बैठाकर अंबाला पुलिस लाइन ले जाया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, 9 लोग करनाल, 8 कैठल, 4 अंबाला, 2 कुरुक्षेत्र और अन्य लोग प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से थे. एयरपोर्ट के बहुत से वीडियो सामने आए हैं.

कुलदीप सिंह ने हरियाणा सरकार पर बोला हमला

कुलदीप सिंह ने कहा कि यह बसें कैदियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल की जाती है. हरियाणा सरकार इन पुलिस वाहनों का उपयोग डिपोर्टीज के लिए कर रही है. यह दुखद है. मैं हरियाणा के परिवहन मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अनिल विज से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने उनके लिए दूसरी गाड़ी या बसें क्यों नहीं भेजी? यह दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि निर्वासित किए गए लोग पहले से ही टेंशन में हैं परेशान हैं. फिर ऐसी व्यवहार उनके जख्मों जले पर नमक छिड़कने जैसा है.

कुरुक्षेत्र पुलिस का बयान

इस मामले पर हरियाणा सरकारी की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है. वहीं कुरुक्षेत्र पुलिस ने कहा कि एक पेहोवा निवासी साहिल वर्मा को एयरपोर्ट से ही गिरफ्तार किया. वह भी निर्वासितों में से एक था. यह गिरफ्तारी 2022 में उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट के तहत केस में की गई है. मामला दर्ज होने के 5 दिन बाद वह एजेंट की मदद से अमेरिका भाग गया था. इसके लिए 38 लाख रुपये खर्च किए थे.

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