फॉल्ट लाइन या कुछ और... हरियाणा में एक हफ्ते में तीन बार डोली धरती, आखिर बार-बार क्यों आ रहे भूकंप?
Earthquake In Haryana: देर रात रोहतक में भूकंप आया. इसकी तीव्रता रिक्टल स्केल पर 3.3 दर्ज की गई. हालांकि इससे किसी तरह के कोई नुकसान पहुंचने की जानकारी सामने नहीं आई है. रोहतक में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. इससे स्थानीय लोग चिंता में है.

Earthquake In Haryana: देश भर में मानसून आने के बाद से लगातार बारिश हो रही है. पहाड़ों में लैंडस्लाइड से हादसे भी हो रहे हैं. वहीं दूसरी ओर भूकंप आने के मामले बढ़ रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में भूंकप के तेज झटके महसूस किए गए. बुधवार (16 जुलाई) की देर रात करीब 12.46 बजे हरियाणा के रोहतक में भूकंप आया. इसकी तीव्रता रिक्टल स्केल पर 3.3 दर्ज की गई.
जानकारी के अनुसार, भूकंप का सेंटर रोहतक से 17 किलोमीटर पहले 10 किलोमीटर की गहराई में था. खेरी सांपला और खरखौदा जैसे क्षेत्रों में लोगों 2 से 5 सेकंड तक भूकंप से कंपन को महसूस किया. इससे पहले जो भूकंप आया था उसका केंद्र भी रोहतक ही था.
देर रात भूकंप से कांपी धरती
रोहतक में आधी रात को भूकंप आने से गहरी नींद में सो रहे, लोगों की आंख खुल गई. सब डरकर अपने घरों से बाहर निकलने लगे. हालांकि इससे किसी तरह के कोई नुकसान पहुंचने की जानकारी सामने नहीं आई है. लोग डरे हुए हैं एक और झमाझम बारिश ऊपर से भूकंप कहीं कुछ होने तो नहीं वाला.
स्थानीय लोगों के बयान
रोहतक में लगातार भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं. इससे स्थानीय लोग चिंता में है. उनका कहना है कि हम भगवान से प्रार्थना करेंगे कि वह हमें बचा ले और कोई अनहोनी न हो. किसी ने कहा, मुझे मौत का डर नहीं. क्योंकि क्योंकि ऐसे पहले भी हो चुका है.
झज्जर में रहने वाले एक निवासी का कहना है कि बार-बार आ रहे भूकंप के झटकों ने इलाके के लोगों को परेशान कर दिया है. इसका केंद्र भी झज्जर है.
पहले भी आया था भूकंप
इससे पहले 11 जुलाई को भूकंप के तेज झटके से धरती कांपी थी, तब झज्जर जिले में 3.7 तीव्रता थी. पिछले कुछ दिनों में से चौथा भूकंप है. फिर कुछ घंटों बाद ही उसी इलाके में 4.4 तीव्रता से एक और भूकंप आया. 10 जुलाई को रोहतक से 40 किलोमीटर के अंदर 2.5 से ज्यादा स्पीड से भूकंप आया. इसके अलावा इस हफ्ते दिल्ली-एनसीआर में भी भकूंप के झटके महसूस किए गए थे.
क्यों आता है भूकंप?
धरती की सतह मुख्य रूप से सात बड़ी और कई छोटी टेक्टोनिक प्लेट्स से बनी होती है, जो लगातार गतिशील रहती हैं. जब ये प्लेट्स आपस में टकराती हैं या एक-दूसरे के नीचे-ऊपर सरकती हैं, तो उनके किनारों पर अत्यधिक दबाव बनता है. यह दबाव जब सहन सीमा से पार हो जाता है, तो प्लेट्स टूटने लगती हैं और भीतर जमी ऊर्जा बाहर की ओर निकलती है. इसी ऊर्जा के झटके के रूप में हमें भूकंप महसूस होता है.
बार-बार झटकों की वजह क्या है?
हरियाणा में बार-बार भूकंप आने की एक बड़ी वजह वहां ज़मीन के नीचे मौजूद फॉल्ट लाइन है, जो उत्तराखंड के देहरादून से लेकर हरियाणा के महेंद्रगढ़ तक फैली हुई है. जब इस फॉल्ट लाइन पर टेक्टोनिक प्लेट्स में हलचल होती है, तो उनके टकराव से ऊर्जा का प्रवाह पैदा होता है और यह कंपन भूकंप के रूप में महसूस होता है. यही कारण है कि इस क्षेत्र में भूकंप की घटनाएं बार-बार दर्ज की जाती हैं.
भकूंप में बचाव के तरीके
- भकूंप के झटके महसूस होते ही फर्श पर झुक जाएं, मजबूत मेज या टेबल के नीचे छिपें और उसे मजबूती से पकड़ें झटके रुकने तक ऐसी स्थिति बनाए रखें.
- भूकंप के दौरान अक्सर ये टूटकर चोट पहुंचा सकते हैं. सीधे जब झटके चल रहे हों, उनसे दूर रहना सबसे सुरक्षित है.
- भूकंप के दौरान बिजली कट सकती है, जिससे लिफ्ट फंस सकती है. इसके बजाय सीढ़ियों का प्रयोग करें.
- अगर आप घर या बिल्डिंग से बाहर निकलते हैं, तो पेड़, बिजली के खंभे, फ्लाईओवर, पुल आदि से दूर किसी खुली जगह में सुरक्षित रहें.
- पानी की बोतल, टॉर्च, रेडियो, फर्स्ट-एड किट आदि चीजें किट में रखें.
- झटके रुकते ही आग, गैस या बिजली की जांच करें, रिसाव लगे तो तुरंत संबंधित सिस्टम बंद कराएं.