Begin typing your search...

GPS और ऐप से बनेगा सफर स्मार्ट, हरियाणा में बदलेगा बस ट्रैवलिंग का तरीका, जानें कब से होगा लागू

अब हरियाणा की बसें भी स्मार्ट बनने की राह में है. दरअसल सरकार बसों में GPS लगाने जा रही है, जिससे आप आसानी से ट्रैक कर पाएंगे कि आपकी बस कहां है और कितनी देर में पहुंचेगी. इस पहल से ऑफिस और स्कूल जाने वाले बच्चों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी.

GPS और ऐप से बनेगा सफर स्मार्ट, हरियाणा में बदलेगा बस ट्रैवलिंग का तरीका, जानें कब से होगा लागू
X
( Image Source:  Meta AI: Representative Image )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 6 Aug 2025 7:51 PM IST

हरियाणा की सड़कों पर जल्द ही एक नया युग शुरू होने जा रहा है. 15 अगस्त से राज्य के रोडवेज बस यात्रियों को मिलने वाली सुविधा अब पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट और भरोसेमंद होगी. सरकार ने घोषणा की है कि रोडवेज की सभी बसों में GPS आधारित ट्रैकिंग सिस्टम लागू किया जाएगा.

परिवहन मंत्री अनिल विज ने बताया कि इस सिस्टम के आने से हर कदम पर ऑडिट और निगरानी आसान हो जाएगी. नए जीपीएस ट्रैकर्स और डिस्प्ले सिस्टम की खरीद के लिए प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है, और जल्द ही ये सभी उपकरण रोडवेज डिपो में पहुंच जाएंगे. इसके साथ ही एक ऐसा मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया जाएगा, जिससे कोई भी यात्री अपने मोबाइल पर लाइव देख सकेगा कि उसकी बस अभी कहां है और कितने मिनट में पहुंचने वाली है.

यात्रियों की जिंदगी होगी आसान

अब बस का इंतजार करने का झंझट खत्म, क्योंकि ऐप पर बस के हर कदम की जानकारी मिलेगी. बस कहां से चली, अभी कहां पर है और कितनी देर में आपके बस स्टैंड पर पहुंचेगी. यह सब कुछ मिनट दर मिनट अपडेट होगा. बस अड्डों पर भी एयरपोर्ट जैसी डिजिटल डिस्प्ले स्क्रीनें लगेंगी, जहां सभी बसों का लाइव स्टेट्स दिखेगा. इससे यात्रियों को बार-बार इंक्वायरी काउंटर तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

बसों की देखरेख भी होगी हाईटेक

सिर्फ यात्रियों की सुविधा तक सीमित नहीं, यह कदम रोडवेज की पूरी व्यवस्था में ट्रांसपेरेंसी और जवाबदेही लाएगा. बसों के सामान और डिवाइस का रिकॉर्ड भी ऑनलाइन रखा जाएगा. उदाहरण के लिए, कब नया टायर लगाया गया, बस कितनी किलोमीटर चली, टायर कब बदला गया. यह सब डेटा डिजिटल फार्म में दर्ज होगा. इससे घोटालों और लापरवाही पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी.

चुनौतियां भी हैं, लेकिन सरकार है तैयार

नई तकनीक के साथ कुछ चुनौतियां भी सामने आ रही हैं. 100 प्रतिशत बसों में ट्रैकिंग सिस्टम लगाना एक बड़ी जिम्मेदारी है. खासकर ग्रामीण इलाकों में नेटवर्क की समस्या, ऐप का सही इस्तेमाल और कर्मचारियों की ट्रेनिंग पर ध्यान देना जरूरी होगा. लेकिन सरकार इस दिशा में कदम बढ़ा रही है और तकनीक को सफल बनाने के लिए पूरी मेहनत कर रही है.

स्मार्ट ट्रैवलिंग से कामकाजी और छात्रों को राहत

इस नई व्यवस्था से न केवल समय की बचत होगी, बल्कि यात्रियों को लंबे इंतजार और गलतफहमियों से भी निजात मिलेगी. कामकाजी लोग और छात्र, जो रोजाना बस पर निर्भर हैं, उन्हें खास फायदा होगा. बस की लाइव जानकारी से वे अपने समय का बेहतर मैनेजमेंट कर सकेंगे.

हरियाणा न्‍यूज
अगला लेख