Begin typing your search...

सीटें मिली Zero, फिर भी चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से क्‍यों खुश हैं दिल्‍ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव?

Delhi Congress: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लगातार तीसरी बार एक भी सीट नहीं मिली. पार्टी अब अपनी हार के कारणों पर मंथन कर रही है. दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा कि इस चुनाव के बाद, हमें उम्मीद है कि हम अपने वोटर्स दलित, वंचित और अल्पसंख्यकों का भरोसा वापस जीतने में सक्षम होंगे. नेता ने कहा, जनता ने अब हमारे वोट शेयर में 2% की वृद्धि करके अपना हम पर विश्वास जताया है.

सीटें मिली Zero, फिर भी चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन से क्‍यों खुश हैं दिल्‍ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव?
X
( Image Source:  ANI )
निशा श्रीवास्तव
Edited By: निशा श्रीवास्तव

Updated on: 11 Feb 2025 12:59 PM IST

Congress Delhi Election Performance: दिल्ली में 27 साल बाद भाजपा की वापसी हुई है. आम आदमी पार्टी बहुमत का आंकड़ा छूने में पीछे रह गई. वहीं कांग्रेस के हाथ एक सीट तक नहीं आई. राजधानी में तीसरी बार देश की पुरानी पार्टी जीरो पर रही. अब चुनावी नतीजों के एलान के बाद पार्टी के नेताओं ने अपना बयान दिया है और हार के कारणों पर मंथन किया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के हाल में हुए विधानसभा चुनाव में 70 सीटों में से कांग्रेस ने एक भी नहीं जीत पाई. लेकिन वह सिर्फ तीन सीटों पर 5 फीसदी से ज्यादा वोट शेयर हासिल करने में सफल रही. अब शनिवार को दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव समन हुसैन को एक इंटरव्यू दिया. जिसमें उन्होंने चुनाव के नतीजों पर बात की.

चुनाव में हार पर कांग्रेस का बयान

दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेंद्र यादव ने कहा, हम लगातार तीसरी बार दिल्ली विधानसभा में जीत नहीं कर सके. यह हमारे लिए एक बड़ा नुकसान है लेकिन हम यह धारणा बनाने में कामयाब थे कि यह तीन-तरफा मुकाबला है, न कि दो-तरफा मुकाबला. हां हम अभी भी आगे बढ़ने में सक्षम हैं. इस बार, हमने जो शून्य हासिल किया है, वह उस जीरो से बहुत अलग है जो हमने पिछली बार हासिल किया था.

उन्होंने कहा कि इसका कारण यह है कि इस चुनाव के बाद, हमें उम्मीद है कि हम अपने वोटर्स दलित, वंचित और अल्पसंख्यकों का भरोसा वापस जीतने में सक्षम होंगे. अब उम्मीद यह है कि AAP अब सरकार में नहीं है, हम उन मतदाताओं का वोट शेयर वापस हासिल करने में सक्षम होंगे जिनके लिए हम हमेशा पहली पसंद थे. कांग्रेस नेता ने कहा, जनता ने अब हमारे वोट शेयर में 2% की वृद्धि करके अपना हम पर विश्वास जताया है. इसमें कोई दलित और अल्पसंख्यक वोट शामिल नहीं है.

AAP की हार पर कसा तंज

देवेंद्र यादव ने चुनाव में आम आदमी पार्टी की हार पर रिएक्शन दिया. उन्होंने कहा कि मैं हमेशा कहता रहा हूं - 'AAP' हीरो से जीरो हो जाएगी. इस बार भी वे लगभग वहीं थे. हमारी एकमात्र कमी यह थी कि हम इन वर्गों को यह समझाने में असमर्थ थे कि हम बेहतर ऑप्शन थे और इसके पीछे कारण यह था कि वे (आप) 62 सीटों पर खड़े थे. वे (अल्पसंख्यक, दलित) निश्चित रूप से सोच रहे थे कि अगर वे भाजपा को रोकना चाहते हैं तो AAP ही एकमात्र ऑप्शन है. लेकिन यह हमारा कैडर है जिसके विश्वास के कारण हमारे वोट शेयर में 2% (अंक) की वृद्धि हुई, इसलिए यह खुशी की बात है.

पार्टी को मजबूत करने पर फोकस

कांग्रेस ने कहा कि इस चुनाव से सीख लेते हुए हमारी कोशिश रहेगी कि हम पार्टी को मजबूत करें. साथ ही हम उन मुद्दों को भी उठाते रहेंगे जिनका दिल्ली को सामना करना पड़ रहा है.

समन हुसैन ने पूछा कि क्या आपको लगता है कि आप और कांग्रेस के बीच लोकसभा गठबंधन ने दिल्ली में आपकी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाया है? इस नेता ने कहा, 100% इससे चुनाव में हमें नुकसान पहुंचा है. यह हमारी ओर से एक बड़ी गलती थी और परिणामस्वरूप, हमें जीरो सीट पर हमें संतोष करना पड़ा.

आप की हार का कारण क्या है?

उन्होंने आप क्यों हारी इस पर भी बयान दिया. नेता ने कहा, ढांचागत विकास की कमी, भ्रष्टाचार, नागरिक सुविधाओं की कमी. इन सभी चीजों के कारण मौजूदा सरकार के खिलाफ मजबूत सत्ता विरोधी लहर के कारण आप को हार का सामना करना पड़ा. अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के मामलों के चलते अरविंद केजरीवाल को जेल जाना पड़ा और जब वह जेल गए तो भी उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया. शासन की कमी के कारण पूरी राजधानी को नुकसान उठाना पड़ा. दूसरे, राजनीति में कदम रखते समय उन्होंने जो 'आम आदमी' की छवि बनाई थी, वह ध्वस्त हो गई क्योंकि उन्होंने अपने लिए एक 'शीश महल' बनाया था. उन्होंने अपने किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया.

बीजेपी को क्यों मिली जीत?

कांग्रेस नेता ने कहा, दोनों पार्टियां एक ही सिक्के के पहलू हैं. चूंकि आप के खिलाफ भारी सत्ता विरोधी लहर थी, इसलिए यह भाजपा की जीत में बदल गई और लोगों को विश्वास नहीं हो रहा था कि कांग्रेस सरकार बना सकती है क्योंकि हम दो कार्यकाल से शून्य पर थे. मुझे लगता है कि हमारे दलित और मुस्लिम मतदाताओं में लगभग 32 से 34% मतदाता शामिल हैं. अगर उन्होंने हमारा साथ दिया होता तो परिणाम कुछ और हो सकते थे.'

दिल्ली विधानसभा चुनाव
अगला लेख