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NCERT बुक से मुगलों की विदाई! महाकुंभ की Entry, भारतीय राजवंशों पर नए चैप्टर

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFSE) 2023 के तहत स्कूल एजुकेशन में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में NCERT ने कक्षा 7 की सामाजिक विज्ञान की किताबों से मुगलों और दिल्ली सल्तनत से जुड़े सभी अध्याय पूरी तरह हटा दिए हैं.

NCERT बुक से मुगलों की विदाई! महाकुंभ की Entry, भारतीय राजवंशों पर नए चैप्टर
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सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Updated on: 28 April 2025 12:04 AM IST

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (NCFSE) 2023 के तहत स्कूल एजुकेशन में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं. इसी कड़ी में NCERT ने कक्षा 7 की सामाजिक विज्ञान की किताबों से मुगलों और दिल्ली सल्तनत से जुड़े सभी अध्याय पूरी तरह हटा दिए हैं. अब किताबों में भारतीय परंपराओं, दर्शन, ज्ञान परंपरा और स्थानीय संस्कृति को अधिक महत्व दिया गया है.

अब किताबों में भारतीय राजवंश और धार्मिक यात्राओं पर फोकस

नई किताब 'Exploring Society: India and बियॉन्ड' में मगध, मौर्य, शुंग और सातवाहन जैसे प्राचीन भारतीय राजवंशों पर नए अध्याय जोड़े गए हैं. इनमें भारतीय जीवन-मूल्यों को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया है. इसके अलावा एक नया अध्याय 'धरा कैसे पवित्र बनती है' नाम से जोड़ा गया है, जिसमें 12 ज्योतिर्लिंग, चार धाम यात्रा और शक्तिपीठों जैसे धार्मिक स्थलों के साथ पवित्र नदियों, पर्वतों और वनों को भारत की 'पवित्र भूगोल' के रूप में दर्शाया गया है.

इस अध्याय में इस्लाम, ईसाई, यहूदी, पारसी, बौद्ध और सिख धर्मों के तीर्थ स्थलों का भी उल्लेख किया गया है. भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का एक उद्धरण भी किताब में शामिल है, जिसमें भारत को 'तीर्थ यात्राओं की भूमि' बताया गया है।

जाति व्यवस्था और महाकुंभ का जिक्र

नई किताब में वर्ण-जाति व्यवस्था पर भी टिप्पणी की गई है. इसमें कहा गया है कि यह प्रणाली प्रारंभ में सामाजिक स्थिरता का आधार थी, लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान यह कठोर हो गई और असमानता का कारण बनी. महाकुंभ मेले का भी किताब में उल्लेख है, जिसमें 66 करोड़ लोगों के भाग लेने की बात कही गई है. हालांकि, 30 लोगों की मौत और कई के घायल होने वाली भगदड़ की घटना का जिक्र नहीं किया गया है.

संविधान और तिरंगा फहराने का अधिकार

संविधान पर आधारित एक नए अध्याय में यह बताया गया है कि कभी भारत में आम नागरिकों को अपने घरों पर तिरंगा फहराने की अनुमति नहीं थी. 2004 में एक नागरिक द्वारा अदालत में चुनौती देने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हिस्सा माना और अब हर नागरिक गर्व से तिरंगा फहरा सकता है, बशर्ते इसका अपमान न हो.

जल्द आएगा किताब का दूसरा भाग

NCERT अधिकारियों के मुताबिक, अभी जो बदलाव सामने आए हैं, वे किताब के पहले भाग के हैं. किताब का दूसरा भाग कुछ महीनों में जारी किया जाएगा. हालांकि, हटाए गए पुराने अध्यायों को फिर से शामिल किया जाएगा या नहीं, इस पर NCERT ने फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है.

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