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सर्दी आई नहीं कि दिल्‍ली की हवा होने लगी जहरीली, ‘Poor’ कैटेगरी के करीब पहुंचा AQI; PM 2.5 बजाने लगा खतरे की घंटी

दिल्ली में सर्दियों की आहट के साथ हवा की गुणवत्ता तेजी से गिर रही है. शनिवार, 11 अक्टूबर को राजधानी का AQI 193 पहुंच गया, जो ‘मॉडरेटली पॉल्यूटेड’ से ‘Poor’ की ओर बढ़ता स्तर है. हवा में सबसे खतरनाक PM 2.5 कण हैं, जो फेफड़े और हृदय पर गंभीर असर डाल सकते हैं. तापमान में गिरावट और पराली जलाने से प्रदूषण और बढ़ रहा है.

सर्दी आई नहीं कि दिल्‍ली की हवा होने लगी जहरीली, ‘Poor’ कैटेगरी के करीब पहुंचा AQI; PM 2.5 बजाने लगा खतरे की घंटी
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( Image Source:  Sora AI )
प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 11 Oct 2025 11:53 AM

सर्दियों की दस्तक के साथ दिल्ली की हवा एक बार फिर ज़हरीली होने लगी है. शनिवार, 11 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 193 तक पहुंच गया, जो कि ‘मॉडरेटली पॉल्यूटेड’ और ‘पुअर’ कैटेगरी के बीच माना जाता है. सुबह 5 बजे जारी एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम (EWS) के आंकड़ों के मुताबिक, यह स्तर शुक्रवार के 129 और गुरुवार के 91 की तुलना में काफी अधिक है.

यह लगातार तीसरा दिन है जब दिल्ली का प्रदूषण स्तर तेजी से बढ़ा है. विशेषज्ञों का कहना है कि सर्द हवाओं के साथ हवा की गति कम होने और पराली जलाने की घटनाएं शुरू होने के कारण प्रदूषण के स्तर में यह उछाल देखने को मिल रहा है.

हवा में घुला ज़हर: क्या है खतरे की सीमा

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) को विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है -

  • गुड (0-50)
  • सैटिस्फैक्ट्री (51-100)
  • मॉडरेटली पॉल्यूटेड (101-200)
  • पूअर (201-300)
  • वेरी पूअर (301-400)
  • सीवियर (401-500)

दिल्ली का मौजूदा स्तर 193 ‘मॉडरेटली पॉल्यूटेड’ से ऊपर और ‘पूअर’ की ओर बढ़ता हुआ है, यानी सांस लेना अब सेहत के लिए नुकसानदायक होता जा रहा है.

सबसे खतरनाक है PM 2.5

प्रदूषण के कई पैरामीटरों में सबसे खतरनाक है PM 2.5, यानी ऐसे सूक्ष्म कण जो हवा में तैरते रहते हैं और फेफड़ों तक आसानी से पहुंच जाते हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, PM 2.5 के संपर्क में आने से स्ट्रोक, फेफड़ों का कैंसर, और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ (COPD) जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

WHO ने PM 2.5 के लिए 15 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (µg/m³) की सीमा तय की है, लेकिन दिल्ली में यह स्तर कई गुना अधिक रहता है. विशेषज्ञों का कहना है कि लंबे समय तक ऐसी हवा में रहना बच्चों, बुजुर्गों और हृदय या श्वसन संबंधी मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है.

मौसम भी बन रहा है कारक

दिल्ली में तापमान में गिरावट ने भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर में भूमिका निभाई है. शनिवार सुबह तापमान 19.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो शुक्रवार के 19.8°C के करीब है. भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, शुक्रवार को अधिकतम तापमान 29.9°C (सामान्य से 4.3°C कम) और न्यूनतम तापमान 18.8°C (सामान्य से 2.2°C कम) दर्ज किया गया था. शनिवार को अधिकतम तापमान 30 से 32°C और न्यूनतम 18 से 20°C के बीच रहने की संभावना है. कम तापमान और स्थिर हवा के कारण प्रदूषक कण नीचे की परत में फंस जाते हैं, जिससे AQI तेजी से बढ़ता है.

और बिगड़ेंगे हालात

पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि आने वाले हफ्तों में हालात और बिगड़ सकते हैं. दिल्ली-NCR में पराली जलाने का मौसम शुरू हो चुका है, और जैसे-जैसे तापमान गिरेगा, स्मॉग और धुंध की परतें मोटी होंगी. डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को सुबह-सुबह या देर शाम खुली हवा में व्यायाम से बचना चाहिए, घरों में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना चाहिए और मास्क पहनना अनिवार्य करना चाहिए. अगर हालात ऐसे ही बने रहे, तो दिल्ली एक बार फिर सर्दियों में “गैस चैंबर” बन सकती है, जैसा कि हर साल अक्टूबर से दिसंबर के बीच देखा जाता है.

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