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हालातों के आगे ऐसे बेबस हुआ पिता, वसंत कुंज में जहर खाकर 4 दिव्यांग बेटियों के साथ की आत्महत्या

सब ठीक होगा... आप सभी ने कभी न कभी किसी व्यक्ति के मुख से ऐसी बातों को जरुर सुना होगा. लेकिन जब हिम्मत टूट जाए तो बातें सिर्फ जुबां तक ही सीमित रह जाती है. हम आपसे ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकी राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज के रंगपुरी गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है.

हालातों के आगे ऐसे बेबस हुआ पिता, वसंत कुंज में जहर खाकर 4 दिव्यांग बेटियों के साथ की आत्महत्या
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 26 Nov 2025 12:42 PM IST

नई दिल्लीः सब ठीक होगा... आप सभी ने कभी न कभी किसी व्यक्ति के मुख से ऐसी बातों को जरुर सुना होगा. लेकिन जब हिम्मत टूट जाए तो बातें सिर्फ जुबां तक ही सीमित रह जाती है. हम आपसे ऐसा इसलिए कह रहे हैं, क्योंकी राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज के रंगपुरी गांव से एक ऐसा मामला सामने आया है.

दरअसल दिल्ली के रंगपुरी गांव में एक शख्स ने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी चार बेटियों के साथ आत्महत्या कर ली. वहीं सूचना मिलने पर पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और जिस ताला तोड़कर शवों को बाहर निकाला. मिली जानकारी के अनुसार पिता ने अपनी बेटियों को सल्फास खिलाकर खुद की जान भी ले ली.

हालातों के आगे बेबस हुआ

पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए बताया कि 50 वर्षीय हीरालाल अपने परिवार के साथ दिल्ली के रंगपुरी गांव में किराये के मकान में रहता था. बताया गया कि हीरालाल की पत्नी कैंसर जैसी गंभीर बीमरी से ग्रसित थी. कैंसर के कारण उनकी पहले ही मौत हो चुकी थी. पत्नी के जाने के बाद परिवार में चार बेटियां जिसमें 18 साल की नीतू, 10 साल की नीरू 8 साल की निधि और 15 वर्ष की निधि रहा करती थी. पेशे से हीरालाल कारपेंटर था. वहीं पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को जब हीरालाल के घर से बदबू आना शुरू हुई तो इसकी जानकारी पड़ोसी ने पुलिस को. पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ पहुंचकर मौके पर छानबीन करना शुरू किया. बता दें कि घटनास्थल से सल्फास का रैपर और साइड में ही भोजन रखा हुआ था.

पत्नी के बाद पिता ही बेटियों की करता था देखरेख

कैंसर से ग्रसित पत्नी को हीरालाल ने बचाने की लाख कोशिश की. लेकिन काफी कोशिशों और इलाज के बाद वह पत्नी को नहीं बचा सका. जिसके बाद अपनी चारों बेटियों की देखरेख पिता ही करने लगा. चारों बेटियां दिव्यांग थी. ऐसे में जब हीरालाल काम पर जाता था. उस समय बेटियां भूखी प्यासी बिस्तर पर ही लेटे रहा करती थी. हालांकि काम पर जाने से पहले वह अपनी बेटियों को भोजन जरुर करवाता था. घर लौटने के बाद फिर से उनके लिए खाना बनाकर साफ सफाई करता था. पुलिस ने घटना पर आस-पास के लोगों से जब सवाल किया तो लोगों ने कहा कि संभव है कि हीरालाल काम के दबाव में होने कारण डिप्रेशन में आ गया होगा.

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