Delhi Air Pollution: दिल्ली में लागू हुआ GRAP-2, राजधानी की हवा हुई बदतर, नाकाफी साबित हो रहे सरकारी उपाय
दिल्ली में ग्रैप-2 लागू कर दिया गया है. एक्यूआई 300 से ऊपर होने पर CAQM इसे जारी करने का आदेश देती है. इस नियम के लागू होते ही अब राजधानी में डीजल से चलने वाले जनरेटर पर पाबंदी लग गई है. ग्रैप-2 लागू होने के बाद आज से दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर पर रोक लग गई है.

Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हर साल सर्दियों के समय प्रदूषण अपने चरम पर होता है. दिल्ली में इन दिनों लोग जहरीली हवा में सांस ले रहे हैं. इस समस्या को देखते हुए, दिल्ली सरकार ने GRAP-2 को लागू कर दिया है.
दिल्ली में ग्रैप-2 लागू कर दिया गया है. एक्यूआई 300 से ऊपर होने पर CAQM इसे जारी करने का आदेश देती है. इस नियम के लागू होते ही अब राजधानी में डीजल से चलने वाले जनरेटर पर पाबंदी लग गई है.
कब तक लागू रहेगा GRAP-2
दिल्ली में GRAP-2 के तहत पाबंदियां 22 अक्टूबर यानी आज सुबह 8 बजे से लागू हो गया है. दिल्ली-एनसीआर में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन को देखते हुए ये आदेश जारी किया है. सोचने की बात यह है कि दिल्ली सरकार हर बार ऐसे नियम लागू करती है लेकिन प्रदूषण में कुछ खास कमी देखने को नहीं मिलती. आज सुबह 8 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 317 मापा गया.
400 के पार जा सकता है एक्यूआई
दिल्ली में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 310 पर पहुंच गया. अनुमान है कि आज से दिल्ली के प्रदूषण में और बढ़त देखने को मिलेगी. 22 और 23 अक्टूबर को एक्यूआई 400 के पार पहुंचने की संभावना है. प्रदूषण का एक कारण पराली भी बताया जा रहा है. लोगों का हवा में सांस लेना मुश्किल हो गया है.
GRAP-2 के दिशा-निर्देश
- ग्रैप-2 लागू होने के बाद आज से दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर पर रोक लग गई है.
- प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने के लिए पार्किंग फीस में इजाफा किया गया है.
- आज से दिल्ली में सीएमजी-इलेक्ट्रिक बसों और मेट्रो की सर्विस बढ़ाई गई है.
- नैचुरल गैस, बायो गैस, एलपीजी से चलने वाले जनरेटर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
- 800kwa से अधिक क्षमता वाले जेनरेटर को रेट्रोफिटिंग कराने के बाद चला सकते हैं. उससे पहले नहीं.
- दिल्ली में कूड़ा, लकड़ी या कोयला जलाने पर बैन.
- सड़कों पर डेली बेसिस पर मैकेनिकल वैक्यूम स्वीपिंग और पानी का छिड़काव किया जाएगा.
- लोगों को वायु प्रदूषण के स्तर और प्रदूषणकारी गतिविधियों को कम करने की सलाह दी जाएगी. साथ ही बताया जाएगा कि उन्हें क्या करना है और क्या नहीं.
- सी और डी साइटों पर धूल नियंत्रण उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए निरीक्षण को तेज करने का आदेश.
- एनसीआर में प्रदूषण के चिह्नित हॉटस्पॉट के लिए केंद्रित और लक्षित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए. इसलिए कई उपाय किए जाएंगे.