BJP नहीं बल्कि Congress पर है AAP का फोकस! क्या केजरीवाल को पुरानी पार्टी से लग रहा डर?
दिल्ली में आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस चुनाव की तैयारियों में लगी है. प्रदेश भर में प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. बीजेपी और आप में लगातार विवाद देखने को मिल रहा है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी का फोसक बीजेपी नहीं बल्कि कांग्रेस पर है. वह पुरानी पार्टी की हर चुनावी रणनीति पर नजर रख रही है.

Delhi Election 2025: आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर राजधानी में सियासी पारा हाई है. राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे को कमतर दिखाने के लिए लगातार बयानबाजी कर रही हैं. सत्ताधारी आम आदमी पार्टी, बीजेपी और कांग्रेस तीनों ही पार्टियां काफी एक्टिव नजर आ रही हैं. कांग्रेस दिल्ली में फिर से वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है. वहीं बीजेपी 27 साल से बंद खाते को इस चुनाव में खोलना चाहती है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, बेशक इस बार विधानसभा चुनाव में भाजपा अपनी पूरी ताकत झोंकती नजर आ रही है, लेकिन AAP का फोकस कांग्रेस पर है. अरविंद केजरीवाल की पार्टी कांग्रेस की हर रणनीति पर करीब से नजर बनाए हुए है. कांग्रेस ने दिल्ली वालों के लिए कई बड़े एलान किए हैं. पार्टी जिन सीटों पर कभी मजबूत हुआ करती थी, उन पर ही फोकस कर रही है. लगभग 10 विधानसभा क्षेत्र हैं जहां AAP देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के अभियान पर कड़ी नजर रख रही है.
कांग्रेस पर AAP की नजर
रिपोर्ट में बताया गया कि बीते सप्ताह आप के नेताओं ने कांग्रेस को अप्रासंगिक कहा और आरोप लगाया कि वह भाजपा के साथ मिलीभगत में चुनाव लड़ रही है. सूत्रों ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि आने वाले चुनाव में कांग्रेस ओखला, चांदनी चौक और बादली सहित अन्य सीटों पर AAP को चुनौती दे सकती है. ओखला सीट पर पूर्व कांग्रेस विधायक आसिफ अहमद खान की बेटी अरीबा खान AAP के अमानतुल्ला खान के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं. वहीं वरिष्ठ कांग्रेस नेता जेपी अग्रवाल के बेटे मुदित अग्रवाल चांदनी चौक से आप के पुनर्दीप सिंह साहनी के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं. इसके अलावा बादली से दिल्ली कांग्रेस प्रमुख देवेन्द्र यादव AAP के अजेश यादव के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं.
कांग्रेस का वोट शेयर बढ़ने से 'आप' को होगी परेशानी
आप के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि 'हमारे लिए चिंता यह नहीं है कि कांग्रेस सीट जीत जाएगी, बल्कि यह है कि इससे भाजपा को अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी. दिल्ली विधानसभा में 27 साल से सत्ता से बाहर रही बीजेपी के लिए यह महत्वपूर्ण चुनाव है. कांग्रेस के वोट शेयर में बढ़ोतरी से ही उन्हें मदद मिलेगी.' उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव के वोट शेयर डेटा से पता चलता है कि AAP कांग्रेस की भारी गिरावट के बाद उभरी है.
क्या कहते हैं 2017 MCD चुनावों के आंकड़े?
रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 के एमसीडी चुनावों में क्या हुआ. AAP ने दो साल पहले ही विधानसभा चुनाव में 54% के भारी वोट शेयर के साथ जीत हासिल की थी और कांग्रेस 10% पर सिमट गई थी. लेकिन कांग्रेस ने एमसीडी चुनाव अच्छे से लड़ा. AAP का वोट शेयर घटकर 26% रह गया, जबकि कांग्रेस का वोट शेयर बढ़कर 21% हो गया. भाजपा केवल 4 प्रतिशत बढ़ी, लेकिन उन चुनावों में उसे जीत हासिल हुई.