पहले मांगें हो पूरी, नहीं तो सेवाएं मिलेगी अधूरी, छत्तीसगढ़ में अधिकारी-कर्मचारी और शिक्षकों ने किया सामूहिक हड़ताल
छत्तीसगढ़ में शुक्रवार से शिक्षक काम बंद करके हड़ताल पर हैं. रायपुर समेत प्रदेशभर के शिक्षक केंद्र के सामान देय तारीख से 4% DA और लंबित एरियर्स के साथ अन्य मांगों को लेकर अधिकारी- कर्मचारियों के साथ मिलकर हड़ताल करेंगे. आपको बता दें कि इस हड़ताल में शिक्षक शामिल होने जा रहे हैं

छत्तीसगढ़ में शुक्रवार से शिक्षक काम बंद करके हड़ताल पर हैं. रायपुर समेत प्रदेशभर के शिक्षक केंद्र के सामान देय तारीख से 4% DA और लंबित एरियर्स के साथ अन्य मांगों को लेकर अधिकारी- कर्मचारियों के साथ मिलकर हड़ताल करेंगे. आपको बता दें कि इस हड़ताल में शिक्षक शामिल होने जा रहे हैं.
इस हड़ताल के कारण कई हिस्सों में स्कूल बंद रहने की संभावना जताई जा रही है. बता दें कि हड़ताल का मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार के समान 4% डीए, लंबित एरियर्स, और अन्य लंबित मांगों के प्रति सरकार का ध्यान आकर्षित करना है. वहीं इस हड़ताल के चलते प्रशासन की ओर से जनता को जरुरी कार्य करने की सलाह 27 सितंबर से पहले करवाने की सलाह दी है. ऐसा इसलिए क्योंकी हड़ताल के दौरान किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े.
कर्मचारी और अधिकारियों की यह हैं मांगे
अवकाश के साथ इस प्रदर्शन को कर रहे अधिकारियों की मांग है कि केंद्र सरकार की तरह 1 जनवरी 2024 से 4 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जाए साथ ही जुलाई 2019 से देय महंगाई भत्ते के एरियर्स की राशि का समायोजन जीपीएफ खाते में किया जाए.
अधिकारियों द्वारा यह भी मांग की जा रही है, कि घोषणा पत्र के अनुसार किए गए वादे अनुसार शासकीय सेवकों को समयमान वेतनमान दिया जाए. इसी के साथ केंद्रकी तरह मकान का किराया भत्ता दिया जाए. मध्य प्रदेश सरकार की तरह 240 दिन की जगह 300 दिन का अर्जित अवकाश नकदीकरण दिया जाए.
अब तक नहीं लिया गया ठोस कदम
प्रदर्शन कर रहे अधिकारियों का कहना है कि हम लोगों ने सरकार के सामने कई बार अपनी मांगों को उजागर किया है. लेकिन अब तक इन हमारे द्वारा रखी गई मागों पर कुछ ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं. इसी कारण शिक्षकों में अब असंतोष बढ़ रहा है. इसी नाराजगी के चलते शिक्षकों द्वारा आंदोलन किया जा रहा है. बता दें कि शुक्रवार को हो रहे इस हड़ताल के जरिए शिक्षकों पर दबाव बनाया जा रहा है. ताकी मांगों उनकी मांगों पर विचार किया जाए.