EC को घेरते-घेरते खुद जांच के घेरे में तेजस्वी, सामने आया डबल वोटर कार्ड विवाद! Voter List को लेकर पूर्व IAS वाला दावा भी खारिज
तेजस्वी यादव द्वारा चुनाव आयोग पर सवाल उठाना अब उनके लिए उलटा पड़ता दिख रहा है. उन पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप लगा है, एक पटना और दूसरा दिल्ली में. यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और जांच की मांग उठ रही है. खास बात यह है कि जिस पूर्व IAS अधिकारी के दावे के आधार पर तेजस्वी ने EC पर निशाना साधा था, वह दावा भी खारिज हो गया है, अब खुद तेजस्वी जांच के घेरे में हैं.

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को राजधानी पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दावा किया कि उनका नाम अब मतदाता सूची में नहीं है. उन्होंने सार्वजनिक रूप से एक बड़ी स्क्रीन पर अपना EPIC नंबर खोजने की कोशिश की, लेकिन परिणाम आया - "कोई रिकॉर्ड नहीं मिला. इसके बाद तेजस्वी ने कहा कि वे अब न तो मतदाता हैं और न ही चुनाव लड़ने के योग्य.
हालांकि, चुनाव आयोग (ECI) और पटना के जिलाधिकारी ने उनके इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट किया है कि तेजस्वी यादव का नाम अब भी मतदाता सूची में दर्ज है और उनके द्वारा 2020 में नामांकन पत्र में दिए गए EPIC नंबर से कोई बदलाव नहीं हुआ है.
तेजस्वी यादव का दावा- 'अब मैं वोटर नहीं रहा'
तेजस्वी यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, अब देखिए! मैं खुद वोटर नहीं हूं. इसका मतलब है कि मैं चुनाव लड़ने के योग्य नहीं हूं. शायद अब मैं इस घर में रहने का अधिकार भी खो चुका हूं. उन्होंने यह भी बताया कि जब बूथ-स्तरीय अधिकारी उनके घर आए थे, तब उन्हें कोई पावती (receipt) नहीं दी गई.
तेजस्वी का नाम सूची में मौजूद है'
ECI सूत्रों के अनुसार, 'तेजस्वी प्रसाद यादव ने 2020 में नामांकन के दौरान EPIC नंबर RAB0456228 का उपयोग किया था. यही नंबर अब 1 अगस्त को प्रकाशित विशेष मतदाता सूची (SIR) में भी दर्ज है. उनके नाम को हटाए जाने का दावा पूरी तरह निराधार है. आयोग ने आगे कहा कि तेजस्वी यादव का नाम ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में सीरियल नंबर 416 पर मौजूद है.
'पुराने बूथ पर ही है नाम'
पटना के जिलाधिकारी डॉ. थियागराजन एसएम ने भी पुष्टि की कि तेजस्वी यादव का नाम उसी बूथ पर मौजूद है, जहां वे पहले मतदान करते रहे हैं. उनका नाम निश्चित रूप से वोटर लिस्ट में है. यह दावा कि उनका नाम नहीं है, बिल्कुल गलत है। सूची सार्वजनिक है, हर कोई देख सकता है," जिलाधिकारी ने कहा. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि तेजस्वी शायद किसी दूसरे EPIC नंबर की जांच कर रहे थे, जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हुई.
फर्जी EPIC नंबर पर उठे सवाल
चुनाव आयोग ने बताया कि एक और EPIC नंबर - RAB2916120 की जांच की गई, जिसे तेजस्वी से जोड़ा जा रहा था. ECI सूत्रों ने NDTV को बताया, 'यह EPIC नंबर अस्तित्व में ही नहीं है. 10 साल से भी पुराने रिकॉर्ड खंगालने के बाद भी इसका कोई अता-पता नहीं चला है. संभावना है कि यह नंबर कभी आधिकारिक रूप से बना ही नहीं. इस बात की भी जांच जारी है कि क्या यह नंबर किसी फर्जीवाड़े का हिस्सा है.
बिहार में 65 लाख नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची से गायब
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि बिहार में ड्राफ्ट मतदाता सूची से करीब 65 लाख नाम गायब हैं, जिनमें से सबसे अधिक संख्या पटना जिले से है- लगभग 3.95 लाख नाम सूची से बाहर हैं. तेजस्वी यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने चुनाव आयोग की बातों का खंडन करते हुए कहा कि EPIC नंबर को बदला ही नहीं जा सकता. पार्टी ने इसे तकनीकी चूक की बजाय साजिश करार दिया है.
फेसबुक पर बिहार के पूर्व मुख्य सचिव स्तर के रिटायर्ड IAS अधिकारी व्यास ने लिखा कि 'मित्रों, निर्वाचन आयोग के अनुसार उन्हान अपन वेब साइट पर वोटर लिस्ट का प्रारूप अपलोड कर दिया है. मैंने अपना और अपनी श्रीमती का नाम चेक करने की उत्सुकता वश कथित प्रारूप डाउनलोड किया । आप अपना EPIC number, जिसे निर्वाचन आयोग ने 11 दस्तावेज़ों की अपनी सूची में शामिल नहीं किया है और सुप्रीम कोर्ट के सुझाव के बाद भी शामिल करने में आनाकानी कर रहा है, निर्धारित खाने में डाल कर अपना status देख सकते हैं!
उन्होंने लिखा कि, 'हम दोनों ने जब यही किया तो हमें अपने BLO से संपर्क करने को कहा जा रहा है जबकि BLO हमारा गणना प्रपत्र भर कर ज़रूरी कागजातों का फोटो खींच कर ले गए थे, इसे कहते हैं "अजब तेरी लीला ग़ज़ब तेरा खेल छुछुन्दर के सिर पर चमेली का तेल " ! जब गलत लोगों के हाथ में सर्वाधिकार चला जाता है उन्हें मनमानी करने से कौन रोकेगा ? समझ लीजिए कि जब हम पढ़े लिखे सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों की यह हालत ECI कर रहा है तब प्रवासी मज़दूरों और कम पढ़े लिखे लोगों की क्या स्थिति होगी? वे आपना नाम इंटते रह जाएँगें, इस पोस्ट पर तेजस्वी ने ट्वीट कर लिखा कि,मतदाता सूची पुनरीक्षण में बिहार के पूर्व मुख्य सचिव स्तर के रिटायर्ड IAS अधिकारी व्यास जी ने मतदाता सूची से अकारण नाम काटने पर अपना अनुभव फेसबुक पर सांझा किया. हालांकि तेजस्वी के इस दावे को भी चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया है.