Begin typing your search...

चंदन मिश्रा हत्याकांड: STF ने एनकाउंटर के बाद पकड़े तीन बदमाश, शूटरों को हथियार देने वालों को लगी गोली

भोजपुर के बिहिया में मंगलवार सुबह STF और पुलिस ने गैंगस्टर चंदन मिश्रा हत्याकांड से जुड़े तीन अपराधियों को घेर लिया. मुठभेड़ में दो को गोली लगी और एक को हथियारों के साथ गिरफ्तार किया गया. पकड़े गए अपराधियों से मिले सुराग से गैंग के नेटवर्क और साजिश का खुलासा हो रहा है. पुलिस अब फरार शूटरों की तलाश में जुटी है.

चंदन मिश्रा हत्याकांड: STF ने एनकाउंटर के बाद पकड़े तीन बदमाश, शूटरों को हथियार देने वालों को लगी गोली
X
नवनीत कुमार
Edited By: नवनीत कुमार

Updated on: 22 July 2025 10:23 AM IST

मंगलवार सुबह भोजपुर जिले का कटेया गांव एक आम सुबह की तरह नींद से जाग ही रहा था कि अचानक गोलियों की आवाज़ ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया. पटना से आई स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और लोकल पुलिस ने चंदन मिश्रा हत्याकांड में शामिल बदमाशों को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था. यह कार्रवाई बिहिया-कटेया मार्ग पर सुबह 5:45 बजे नदी किनारे शुरू हुई, जहां तीन अपराधी छिपे हुए थे.

पुलिस ने जब बदमाशों को घेर लिया तो उन्हें आत्मसमर्पण के लिए कहा गया, लेकिन जवाब में अपराधियों ने गोलियां चलानी शुरू कर दी. एसटीएफ और बिहिया थाना पुलिस ने संयम नहीं खोया और जवाबी फायरिंग में दो बदमाशों बलवंत सिंह और रविरंजन सिंह को गोली लगी, जबकि तीसरे अपराधी अभिषेक को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया. यह मुठभेड़ करीब 20 मिनट तक चली.

कौन हैं बलवंत और रविरंजन?

घायल बलवंत सिंह बक्सर जिले के लीलाधरपुर गांव का रहने वाला है और इस हत्याकांड में मुख्य शूटरों की सप्लाई लाइन का हिस्सा था. वहीं रविरंजन सिंह भोजपुर के चकराही गांव का निवासी है और उसके ऊपर कई अन्य आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. दोनों को पहले बिहिया अस्पताल और फिर आरा सदर अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया. बलवंत को हाथ-पैर में और रविरंजन को जांघ में गोली लगी है.

हत्या में इस्तेमाल हुआ हथियार बरामद

मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की तलाशी में पुलिस ने भारी मात्रा में हथियार बरामद किए. इनमें दो पिस्टल, एक देसी कट्टा, चार जिंदा कारतूस और दो मैगजीन शामिल हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ये सभी हथियार हाल ही में चंदन मिश्रा की हत्या में इस्तेमाल किए गए थे या उसी प्लान के लिए स्टॉक किए गए थे. इनकी फोरेंसिक जांच भी कराई जा रही है.

गैंगस्टर चंदन मिश्रा की हत्या की परतें

यह मुठभेड़ चंदन मिश्रा हत्याकांड से सीधा जुड़ा है, जिसकी घटना पटना के पारस अस्पताल में हुई थी. बताया जाता है कि बलवंत ने शूटरों को हथियार दिए और खुद उन्हें अस्पताल तक लेकर गया. वह पश्चिम बंगाल के जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर शेरू सिंह के सीधे संपर्क में था. हत्या की पूरी स्क्रिप्ट शेरू ने जेल से बैठकर लिखी थी और बलवंत उसका ज़मीन पर चलने वाला 'कमांडर' था.

साजिश में ‘अपने’ भी शामिल

हत्या को अंजाम देने के लिए चंदन मिश्रा के कुछ करीबियों को भी साथ मिलाया गया, ताकि उसकी गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके. सूत्रों के अनुसार, शेरू सिंह ने हर शूटर को पांच-पांच लाख रुपये देने का वादा किया था. बलवंत को मालूम था कि तौसीफ उर्फ बादशाह को अस्पताल की लोकेशन और सुरक्षा की पूरी जानकारी है, इसीलिए उसे भी प्लान में शामिल किया गया. यहां तक कि वारदात के बाद तौसीफ ने पहचान छुपाने के लिए अपनी दाढ़ी तक कटवा ली थी.

तौसीफ की गिरफ्तारी और पूछताछ से उम्मीद

चंदन मिश्रा हत्याकांड के मुख्य शूटर तौसीफ उर्फ बादशाह को हाल ही में पुलिस पश्चिम बंगाल से पकड़कर पटना लाई थी. कोर्ट ने उसे 72 घंटे की पुलिस रिमांड पर भेजा है. अब पुलिस उससे गहन पूछताछ कर रही है कि किस-किस ने इस प्लान में सहयोग किया, कहां-कहां से पैसे और हथियार आए और हत्या के पीछे असली मकसद क्या था. पुलिस को उम्मीद है कि तौसीफ के बयान से पूरी गैंग का नेटवर्क सामने आएगा.

अब भी कई कड़ियां बाकी हैं

हालांकि पुलिस ने बड़ी सफलता हासिल की है, लेकिन इस पूरे मामले की अभी भी कई कड़ियां खुलनी बाकी हैं. कुछ अपराधी अब भी फरार हैं, जिनमें से कई की पहचान हो चुकी है. पुलिस की टीमें बिहार, झारखंड और बंगाल में लगातार छापेमारी कर रही हैं. यह मुठभेड़ न केवल चंदन मिश्रा केस में बड़ी सफलता है, बल्कि राज्य में संगठित अपराध के खिलाफ सरकार की सख्ती का संकेत भी देती है.

crimeबिहार
अगला लेख