लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, एम्स में ली आखिरी सांस; बेटे अंशुमान ने की पुष्टि
शारदा सिन्हा को पिछले कुछ समय से खाने-पीने में परेशानी हो रही थी. बेटे अंशुमान ने जानकारी दी थी कि सिंगर वेंटिलेटर पर हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेटे से बात कर उनकी सेहत की जानकारी ली. पीएम ने एम्स को आदेश दिए थे कि सिंगर का इलाज अच्छे से होना चाहिए.

लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है. पिछले सात दिनों से दिल्ली एम्स में भर्ती शारदा सिन्हा ने मंगलवार देर शाम अंतिम सांस ली. वह 72 साल की थीं. उनके बेटे अंशुमान ने शारदा सिन्हा के निधन की पुष्टि की है. 26 अक्टूबर को तबियत खराब होने के कारण उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्हें बिहार की स्वर कोकिला और छठ गीत की पर्याय भी कहा जाता था.
शारदा सिन्हा को पिछले कुछ समय से खाने-पीने में परेशानी हो रही थी. बेटे अंशुमान ने जानकारी दी थी कि सिंगर वेंटिलेटर पर हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बेटे से बात कर उनकी सेहत की जानकारी ली. पीएम ने एम्स को आदेश दिए थे कि सिंगर का इलाज अच्छे से होना चाहिए.
72 वर्षीय शारदा 2018 से मल्टीपल मायलोमा, एक प्रकार के ब्लड कैंसर से जूझ रही हैं. सोमवार को उनकी हालत बिगड़ गई, जिसके कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. वहीं, एम्स के ऑफिशियल स्टेटमेंट के मुताबिक सिंगर हीमोडायनामिक रूप से स्थिर हैं, लेकिन लगातार निगरानी में हैं. उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने सोशल मीडिया के जरिए अपडेट शेयर करते हुए फैंस को अपनी मां के हेल्थ के बारे में जानकारी दी थी.
कौन हैं शारदा सिन्हा?
शारदा सिन्हा बिहार के पारंपरिक लोक संगीत और उनके प्रतिष्ठित छठ गानों में उनके योगदान के लिए जानी जाती हैं. पिछले कई सालों से उनकी आवाज़ छठ त्योहार का पर्याय बन गई है. शारदा के शानदार करियर की शुरुआत 1970 के दशक में हुई और उन्होंने भोजपुरी, मैथिली और हिंदी लोक संगीत में अपने काम के लिए नेशनल लेवर पर पहचान बनाई.
बॉलीवुड में भी हैं फेमस
शारदा सिन्हा ने सिर्फ भक्ति गीत नहीं गाए हैं, बल्कि उन्होंने बॉलीवुड की कई हिट फिल्मों के गानों को भी अपनी आवाज दी है. इनमें हम आपके हैं कौन फिल्म का बाबुल जो तुमने सिखाया, कहे तोसे सजना और अनुराग कश्यप की हिट फिल्म गैंग ऑफ वासेपुर का तार बिजली से पतले.. गाना शामिल है. इन गानों ने शारदा सिन्हा को बॉलीवुड में पहचान दी.
पद्म भूषण से हैं सम्मानित
2018 में, उन्हें कला में उनके योगदान के लिए भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक पुरस्कार, प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। उन्होंने राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता है, जिसने क्षेत्रीय सिनेमा में अग्रणी आवाज़ों में से एक के रूप में उनकी विरासत को मजबूत किया है.