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बिहार में बुराड़ी जैसा कांड: बीवी के गम में पति ने लगाए 6 फंदे, मासूम बच्चो से कहा- हमें मरना ही होगा

बच्चे डरे हुए थे, लेकिन पापा की बात मानते हुए तैयार हो गए. तीनों बेटियां और दोनों बेटे ट्रंक पर चढ़ गए. अमरनाथ ने इशारा किया और सभी कूदे. लेकिन जैसे ही शिवम का दम घुटने लगा, उसने किसी तरह अपने गले से फंदा निकाल लिया. फिर तुरंत उसने अपने छोटे भाई चंदन के गले से भी फंदा हटा दिया.

बिहार में बुराड़ी जैसा कांड: बीवी के गम में पति ने लगाए 6 फंदे, मासूम बच्चो से कहा- हमें मरना ही होगा
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( Image Source:  Create By AI Sora )
रूपाली राय
Edited By: रूपाली राय

Published on: 15 Dec 2025 10:18 AM

तारीख थी 15 दिसंबर 2025 जगह थी बिहार का मुजफ्फरपुर जिला, सकरा थाना क्षेत्र के नवलपुर मिश्रौलिया गांव. यहां एक छोटे से घर में ऐसा कुछ हुआ कि पूरा गांव और आस-पास का इलाका दहशत में डूब गया. एक गरीब परिवार के मुखिया ने अपनी तीन छोटी-छोटी बेटियों के साथ अपनी जान ले ली, जबकि दो बेटे किसी तरह अपनी जान बचा सके. यह घटना सुनकर किसी का भी दिल कांप जाए।इस परिवार का नाम था अमरनाथ राम का.

अमरनाथ की उम्र करीब 40 साल थी उनका परिवार बहुत गरीब था. उनकी पत्नी का निधन इसी साल जनवरी महीने में हो गया था. पत्नी की मौत के बाद अमरनाथ गहरे अवसाद में चले गए थे. वे कोई काम-धंधा नहीं करते थे घर का गुजारा सिर्फ सरकारी राशन और थोड़ी-बहुत मदद से चलता था. घर में पैसों की बहुत तंगी थी अमरनाथ के पांच बच्चे थे तीन बेटियां राधा कुमारी (11 साल), राधिका (9 साल) और शिवानी (7 साल), तथा दो बेटे शिवम और चंदन (उम्र छोटी बताई गई है).

सबने साथ मिलकर खाया खाना

बचे हुए बेटे शिवम ने पुलिस को जो बताया, वह सुनकर हर कोई सन्न रह गया. शिवम के अनुसार, मां के जाने के बाद पापा हमेशा उदास रहते थे. पैसों की कमी और मां की याद उन्हें बहुत परेशान करती थी. 14 दिसंबर की रात को पापा ने सभी बच्चों को अच्छा खाना खिलाया. अंडा भुजिया, आलू-सोयाबीन की सब्जी और चावल बनाया था. सभी ने मिलकर खाना किया और सोने चले गए. लेकिन शिवम को नींद नहीं आ रही थी, इसलिए वह मोबाइल पर समय काट रहा था.

'जब मैं बोलू कूद जाना..'

सोमवार की सुबह जल्दी अमरनाथ ने सभी बच्चों को जगाया. बच्चों ने देखा कि पापा ने मां की पुरानी साड़ी से छह फंदे बना लिए थे. ये फंदे छत से लटकाए गए थे. नीचे एक पुराना ट्रंक रखा हुआ था. अमरनाथ ने बच्चों के गले में फंदे डाल दिए और खुद के गले में भी एक फंदा डाल लिया. फिर उन्होंने कहा कि अब हम सभी को एक साथ इस दुनिया से जाना है. वे बोले, 'जब मैं कहूंगा, तब तुम सभी ट्रंक से कूद जाना.'

शिवम ने हटा ली रस्सी

बच्चे डरे हुए थे, लेकिन पापा की बात मानते हुए तैयार हो गए. तीनों बेटियां और दोनों बेटे ट्रंक पर चढ़ गए. अमरनाथ ने इशारा किया और सभी कूदे. लेकिन जैसे ही शिवम का दम घुटने लगा, उसने किसी तरह अपने गले से फंदा निकाल लिया. फिर तुरंत उसने अपने छोटे भाई चंदन के गले से भी फंदा हटा दिया. इस तरह दोनों बेटे बच गए. लेकिन पापा अमरनाथ और तीनों छोटी बेटियां फंदे पर लटक गईं. उनकी मौत हो चुकी थी. दोनों बेटों ने जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया. उनकी आवाज सुनकर पड़ोसी दौड़े आए. घर के अंदर का नजारा देखकर हर कोई स्तब्ध रह गया. चार शव फंदे से लटके हुए थे लोगों ने फौरन पुलिस को खबर दी.

आत्महत्या के सही कारणों का पता नहीं

सकरा थाना की पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची. उन्होंने शवों को नीचे उतारा और कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. बचे हुए दोनों भाइयों से पुलिस ने पूरी घटना की जानकारी ली. पुलिस अधिकारी भी यह कहानी सुनकर हैरान रह गए. पुलिस का कहना है कि अभी आत्महत्या के सही कारणों का पता नहीं चल सका है. लेकिन शुरुआती जांच और बच्चों की बातों से लगता है कि आर्थिक तंगी और पत्नी की मौत का सदमा मुख्य वजह थी. पुलिस गांव वालों और रिश्तेदारों से भी पूछताछ कर रही है. सभी पहलुओं की गहराई से जांच हो रही है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.

याद दिलाता है बुराड़ी कांड

इस घटना से पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. एक साथ चार लोगों की मौत ने हर किसी को सदमे में डाल दिया है. रिश्तेदार रो-रोकर बुरा हाल कर रहे हैं. गांव में दहशत का माहौल है. यह घटना दिल्ली के मशहूर बुराड़ी कांड से काफी मिलती-जुलती लगती है. याद कीजिए, जुलाई 2018 में दिल्ली के बुराड़ी में एक परिवार के 11 लोग एक साथ फंदे से लटके मिले थे.

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