'नीतीश का नाम, मोदी का काम'; इस स्लोगन के साथ बिहार चुनाव के लिए BJP ने सेट किया एक बार फिर सत्ता हासिल करने का प्लान!
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही भाजपा ने अपने चुनावी अभियान को तेज कर दिया है. पार्टी ने ‘नीतीश का नाम, मोदी का काम’ के स्लोगन के साथ केंद्र सरकार की उपलब्धियों और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की स्थिर छवि को प्रचार का केंद्र बनाया है. 40 लोकसभा क्षेत्रों में तीन मुख्य चुनाव प्रभारी और 243 विधानसभा सीटों पर कड़ी निगरानी के साथ पार्टी ने संगठन और अभियान की पूरी तैयारी कर ली है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों के नजदीक आते ही भाजपा (BJP) ने अपने चुनावी अभियान की रणनीति को और तेज कर दिया है. पार्टी का पूरा फोकस 'विकास और विश्वास' पर है और चुनावी स्लोगन रखा गया है. 'नीतीश का नाम, मोदी का काम'. इस अभियान के माध्यम से भाजपा मुख्य रूप से केंद्र सरकार की उपलब्धियों को उजागर करने के साथ-साथ बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को स्थिरता का प्रतीक के रूप में पेश करने की तैयारी कर रही है.
भाजपा ने सभी 40 लोकसभा क्षेत्रों को तीन मुख्य चुनाव प्रभारी के अधीन बांटकर 243 विधानसभा सीटों पर कड़ी निगरानी और संगठन स्तर पर गहन प्रबंधन की योजना बनाई है. इस रणनीति का मकसद हर स्तर पर सूक्ष्म निगरानी और प्रचार अभियान को सुचारू रूप से चलाना है.
मुख्य चुनाव प्रभारी और कार्यक्षेत्र
धर्मेंद्र प्रधान को मुख्य चुनाव प्रभारी बनाया गया है, जो 14 लोकसभा क्षेत्रों और 87 विधानसभा सीटों की देखरेख करेंगे. वहीं, सीआर पाटिल और केशव प्रसाद मौर्य को 13-13 लोकसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी दी गई है, जिनमें लगभग 78-78 विधानसभा सीटें शामिल हैं.
- सीआर पाटिल- कटिहार, पूर्णिया, अररिया, बेगूसराय, भागलपुर, मुंगेर, किशनगंज, समस्तीपुर, मधेपुरा, जमुई, सुपौल, नवादा और खगड़िया
- केशव प्रसाद मौर्य- पूर्व और पश्चिम चंपारण, सिवान, सारण, गोपालगंज, शिवहर, महाराजगंज, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर, वैशाली, बक्सर और वाल्मीकिनगर
- तीनों प्रभारी केवल भाजपा के कब्जे वाली सीटों पर ही नहीं, बल्कि पूरे NDA क्षेत्र में अभियान समन्वय और संगठन की मजबूती पर भी ध्यान देंगे.
सीटों का बंटवारा और गठबंधन चर्चा
सूत्रों के अनुसार, NDA के भीतर सीटों के बंटवारे पर गुरुवार को बातचीत होने की संभावना है. चिराग पासवान भी उसी दिन धर्मेंद्र प्रधान से मुलाकात करेंगे. जानकारी के मुताबिक, जितन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 10 सीटें, जबकि उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) को 7 सीटें मिल सकती हैं. BJP और JD(U) चिराग पासवान की LJP (राम विलास) को 20-25 सीटें देने पर विचार कर रहे हैं, जबकि चिराग पासवान 35 सीटों की मांग कर रहे हैं.
प्राशांत किशोर को टक्कर देने की तैयारी
भाजपा ने प्राशांत किशोर (PK) और उनके जन सुराज पार्टी (JSP) के संभावित प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उनके खिलाफ रणनीति तैयार की है. पार्टी के सूत्रों के मुताबिक, PK और उनकी टीम को सिर्फ “सोशल मीडिया वारियर्स” के रूप में पेश किया जाएगा, जो जमीन से जुड़े वास्तविक मुद्दों से दूर हैं. PK के वोटर अधिकतर शहरी युवा होंगे और ग्रामीण बिहार में उनका प्रभाव सीमित माना जा रहा है.
प्रचार का फोकस- विकास और विश्वास
भाजपा अपने अभियान में संगठन, कथानक निर्माण और गठबंधन समन्वय पर विशेष जोर दे रही है. पार्टी का उद्देश्य बिहार को विकास और विश्वास के मुद्दों पर हाई-स्टेक्स चुनाव के रूप में पेश करना है. चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव का शेड्यूल सोमवार को घोषित किया, जिसमें मतदान दो चरणों में होगा. पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर. मतगणना की प्रक्रिया 14 नवंबर को पूरी होगी.