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Bihar Election Result 2025: बाहुबलियों की साख पर बिहार का रण: अनंत से रीतलाल तक, जहां ‘धाक’ और ‘दांव’ दोनों पर है कसौटी

Bihar Election Result 2025: बिहार चुनाव 2025 में बाहुबलियों की साख दांव पर है. मोकामा से अनंत सिंह, दानापुर से रीतलाल यादव, वारसलीगंज से अशोक महतो और अखिलेश सिंह की पत्नियां, नबीनगर से आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद, बेलागंज से सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ और रघुनाथपुर से ओसामा सहाब मैदान में हैं. ये सीटें न सिर्फ बाहुबलियों की ताकत बल्कि बिहार की सियासत में नई विरासत और बदलाव का संकेत भी मानी जा रही हैं.

Bihar Election Result 2025: बाहुबलियों की साख पर बिहार का रण: अनंत से रीतलाल तक, जहां ‘धाक’ और ‘दांव’ दोनों पर है कसौटी
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प्रवीण सिंह
Edited By: प्रवीण सिंह

Published on: 14 Nov 2025 8:30 AM

Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 अब उस दिलचस्प मोड़ पर पहुंच चुका है, जहां विकास और जातीय समीकरणों के बीच एक पुरानी परंपरा फिर से जीवंत हो उठी है - ‘बाहुबलियों की सियासत’. कभी खौफ और करिश्मे के मेल से सियासत पर राज करने वाले ये नाम अब जनता की अदालत में हैं. मोकामा से अनंत सिंह, दानापुर से रीतलाल यादव, वारसलीगंज से अशोक महतो की पत्‍नी अनीता देवी और अखिलेश सिंह की पत्‍नी अरुणा देवी, नबीनगर से आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद, बेलागंज से सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव और रघुनाथपुर से ओसामा सहाब - सबकी साख इस चुनाव में दांव पर लगी है. बिहार की जनता यह तय करेगी कि क्या अब भी ‘गन की राजनीति’ का असर है, या ‘जन की राजनीति’ ने वाकई जगह बना ली है.

मोकामा: अनंत सिंह बनाम सूरजभान की पत्नी वीणा देवी

मोकामा की सीट हमेशा से बाहुबलियों की गढ़ मानी जाती है. इस बार मुकाबला है ‘छोटे सरकार’ कहे जाने वाले अनंत सिंह और सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी, जो राजद के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं, के बीच. दोनों के बीच यह लड़ाई न सिर्फ सियासी है, बल्कि पुरानी रंजिशों और प्रभाव की परीक्षा भी मानी जा रही है.

दानापुर: रीतलाल यादव की साख पर सवाल

दानापुर में राजद के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव एक बार फिर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए मैदान में हैं. रीतलाल का असर यहां सामाजिक समीकरणों और संगठन दोनों पर रहा है, लेकिन भाजपा इस बार उनके खिलाफ मजबूत तैयारी के साथ उतरी है. यह सीट बताती है कि ‘पुरानी ताकत’ अब कितनी असरदार बची है.

वारसलीगंज: बाहुबली परिवारों की पत्नियां आमने-सामने

वारसलीगंज का मुकाबला दिलचस्प है - यहां अशोक महतो की पत्‍नी अनीता देवी और अखिलेश सिंह की पत्‍नी अरुणा देवी आमने-सामने हैं. दोनों ही परिवार कभी अपराध और राजनीति की धुरी रहे हैं, और अब महिलाएं उनके सियासी वारिस के तौर पर मैदान में हैं. यह लड़ाई केवल चुनावी नहीं, बल्कि छवि और विरासत की भी है.

नबीनगर: आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद की परीक्षा

नबीनगर में जेडीयू उम्मीदवार चेतन आनंद के सामने यह चुनाव सियासी उत्तराधिकार की कसौटी है. पिता आनंद मोहन के प्रभाव और जनता से उनके जुड़ाव का कितना फायदा उन्हें मिलेगा, यह देखना दिलचस्प होगा. विरोधी दल उन्हें ‘विरासत की राजनीति’ का चेहरा बताकर चुनौती दे रहे हैं.

बेलागंज: सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ की साख का इम्तिहान

बेलागंज सीट पर इस बार आरजेडी के कद्दावर नेता सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ यादव मैदान में हैं. यह चुनाव उनके लिए सिर्फ जीत-हार नहीं, बल्कि पिता की सियासी विरासत को आगे बढ़ाने की परीक्षा भी है. जनता यह परख रही है कि क्या विश्वनाथ अपने पिता की पकड़ को बरकरार रख पाएंगे या नई पीढ़ी को अपनी पहचान खुद बनानी होगी.

रघुनाथपुर: ओसामा सहाब की पहली सियासी पारी

कभी सीवान में आतंक का पर्याय माने जाने वाले बाहुबली मोहम्‍मद शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा सहाब रघुनाथपुर सीट पर पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं. उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है अपने नाम और छवि को जनता के बीच स्थापित करना. विरोधी दल उन्हें ‘नई पीढ़ी का बाहुबली’ कहकर घेरने की रणनीति पर हैं.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
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