Begin typing your search...

अपने विरोधियों के खिलाफ... बिहार चुनाव में नहीं चलेगा AI VIDEO का जादू, EC ने उम्मीदवारों पर लगाई ये पाबंदी

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने बड़ा फैसला लिया है. आयोग ने सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों को अपने विरोधियों के खिलाफ AI जनरेटेड वीडियो इस्तेमाल करने से रोक दिया है. अब कोई भी प्रत्याशी या पार्टी चुनाव प्रचार में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का दुरुपयोग नहीं कर सकेगी.

अपने विरोधियों के खिलाफ... बिहार चुनाव में नहीं चलेगा AI VIDEO का जादू, EC ने उम्मीदवारों पर लगाई ये पाबंदी
X
( Image Source:  Sora_ AI )
सागर द्विवेदी
By: सागर द्विवेदी

Published on: 9 Oct 2025 9:06 PM

लोकतंत्र की निष्पक्षता और पारदर्शिता को सुरक्षित रखने के लिए चुनाव आयोग ने बड़ा कदम उठाया है. आयोग ने एलान किया है कि अब किसी भी उम्मीदवार को चुनाव प्रचार के दौरान AI (Artificial Intelligence) से बने वीडियो इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी, खासकर अपने विरोधियों के खिलाफ, आयोग ने साफ कहा है कि ये निर्देश सभी उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के लिए 'बाध्यकारी' (binding) होंगे.

यह फैसला बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले आया है, जो दो चरणों में- 6 और 11 नवंबर को होंगे, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी. आयोग ने यह कदम AI के दुरुपयोग और झूठी सूचनाओं के प्रसार को रोकने के उद्देश्य से उठाया है, ताकि चुनावी माहौल निष्पक्ष और स्वच्छ बना रहे.

AI वीडियो पर पूरी तरह रोक

चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 'इसका अर्थ है कि कोई भी उम्मीदवार अपने विरोधियों के खिलाफ किसी भी रूप में AI वीडियो का उपयोग करके प्रचार नहीं कर सकेगा. आयोग के अनुसार, यह रोक सभी उम्मीदवारों और पार्टियों पर लागू होगी और इसका उद्देश्य राजनीतिक अभियानों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के दुरुपयोग को रोकना है.

आचार संहिता के तहत सख्त दिशा-निर्देश

आयोग ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावी आचार संहिता (Model Code of Conduct - MCC) और इससे संबंधित नियमों का सख्ती से पालन करना होगा. AI से बने synthetic या digitally manipulated कंटेंट के उपयोग पर अब सख्त निगरानी रखी जाएगी. सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट पर पोस्ट की जाने वाली सामग्री इन दिशा-निर्देशों के दायरे में आएगी.

व्यक्तिगत जीवन पर टिप्पणी नहीं, झूठे आरोपों से परहेज

आचार संहिता के मुताबिक, राजनीतिक टीका-टिप्पणी केवल अन्य दलों की नीतियों, कार्यक्रमों, उनके कार्यकाल और सार्वजनिक कार्यों तक सीमित रहनी चाहिए. किसी भी नेता या कार्यकर्ता के निजी जीवन पर टिप्पणी करना या विकृत तथ्यों के आधार पर झूठे आरोप लगाना वर्जित है.

AI कंटेंट पर ‘लेबलिंग’ अनिवार्य

चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया है कि अगर कोई पार्टी या उम्मीदवार प्रचार के लिए AI या synthetic content का इस्तेमाल करता है, तो उसे स्पष्ट रूप से “AI-generated”, “digitally manipulated” या “synthetic content” जैसे शब्दों से लेबल करना अनिवार्य होगा. यह कदम मतदाताओं को यह समझने में मदद करेगा कि कौन-सी सामग्री वास्तविक है और कौन-सी कृत्रिम रूप से बनाई गई है.

सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी

आयोग ने सोशल मीडिया पर कड़ी मॉनिटरिंग व्यवस्था लागू की है ताकि चुनावी माहौल को गुमराह करने वाले पोस्ट या वीडियो समय रहते रोके जा सकें. किसी भी प्रकार का उल्लंघन पाए जाने पर आयोग ने सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है. आयोग ने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि वे चुनावी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा और पारदर्शिता बनाए रखें. AI टूल्स के जरिए जानकारी में हेरफेर करना या गलत संदेश फैलाना लोकतंत्र के लिए खतरा बताया गया है.

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
अगला लेख