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भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि, नागांव में 17 हजार स्टूडेंट्स ने गाया 'मनुहे मनुहार बाबे' गाना, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

नागांव के नुरुल अमीन स्टेडियम में 63 संस्थानों के 17,000 से अधिक बच्चों ने मिलकर डॉ. भूपेन हज़ारिका का अमर गीत “मनुहे मनुहार बाबे” गाया. यह सिर्फ एक ग्रुप प्रजेंटेशन नहीं था बल्कि उनके लिए सम्मान था. इतना ही नहीं, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में इस इवेंट का नाम दर्ज किया गया.

भूपेन हजारिका को श्रद्धांजलि, नागांव में 17 हजार स्टूडेंट्स ने गाया मनुहे मनुहार बाबे गाना, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज
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( Image Source:  x-@IITGuwahati )
हेमा पंत
Edited By: हेमा पंत

Updated on: 11 Sept 2025 6:47 PM IST

असम के महान गायक डॉ. भूपेन हजारिका की जयंती शताब्दी वर्ष पर नागांव ने एक ऐतिहासिक पल रचा. बुधवार की शाम नूरुल अमीन स्टेडियम में 63 स्कूलों से के 17 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं एक सुर में गूंज उठे.

मंच पर कोई फिल्मी शो नहीं, बल्कि इंसानियत और भाईचारे का संदेश देने वाला डॉ. हजारिका का अमर गीत “मनुहे मनुहार बाबे” गूंज रहा था. बच्चों की सामूहिक आवाज़ ने पूरे माहौल को श्रद्धा और संगीत की पवित्रता से भर दिया. कार्यक्रम को इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया, जिससे यह आयोजन इतिहास का हिस्सा बन गया.

भूपेन हज़ारिका की विरासत

डॉ. भूपेन हज़ारिका केवल सिंगर ही नहीं थे, बल्कि जनकवि, विचारक और सामाजिक चेतना के प्रवक्ता भी थे. उनका गीत “मनुहे मनुहार बाबे” आज भी हमें यह याद दिलाता है कि इंसानियत सबसे बड़ी पहचान है. उनके जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर नागांव जिला प्रशासन ने इस संदेश को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया और विद्यार्थियों को इस अनोखे आयोजन से जोड़ा.

इंवेट का ग्रैंड नजारा

जैसे ही 17 हजार विद्यार्थियों की आवाज़ एक साथ गूंजी, पूरा स्टेडियम मानो मानवीय मूल्यों की गूंज से भर गया. उनके साथ शिक्षकों की ग्रुप प्रजेंटेशन ने इस माहौल को और सशक्त बना दिया. एक लय में गाना और तालमेल ने इसे कभी न भूलने वाला पल बना दिया था.

प्रशासन और नेताओं की मौजूदगी

इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन जिला उपायुक्त देबाशीष शर्मा ने किया. उन्होंने अपने संबोधन में डॉ. हज़ारिका की विचारधारा को विद्यार्थियों के जीवन में उतारने पर बल दिया. वहीं, विधायक रूपक शर्मा और शशिकांत दास ने भी इस पहल की सराहना की और युवाओं से आग्रह किया कि वे डॉ. हज़ारिका की शिक्षाओं और आदर्शों को जीवन में अपनाएं.

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज उपलब्धि

यह आयोजन सिर्फ इमोशनल नहीं रहा, बल्कि ऐतिहासिक भी बना. कोलकाता से आए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की टीम ने इस मास सिंगिंग को रिकॉर्ड के रूप में सर्टिफाइड किया. निरीक्षक सुनीता केडिया ने मौके पर ही सर्टिफिकेट जिला उपायुक्त को सौंपा. इस उपलब्धि ने नागांव को न सिर्फ राज्य, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी गौरव दिलाया.

असम न्‍यूज
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