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असम के करीमगंज जिले का नाम बदलकर क्यों 'श्रीभूमि' रखा गया? जानें इसका सांस्कृतिक महत्व

Karimganj District Renamed: असम के करीमगंज जिले का नाम बदलकर श्रीभूमि रख दिया गया है. यह फैसला मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने लिया है. उन्होंने इसके पीछे की वजह का खुलासा भी किया है.

असम के करीमगंज जिले का नाम बदलकर क्यों श्रीभूमि रखा गया? जानें इसका सांस्कृतिक महत्व
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( Image Source:  X )

Karimganj District Renamed: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने करीमगंज जिले का नाम बदल दिया है. अब इसका नाम श्रीभूमि रखा गया है. यह फैसला गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर के सम्मान में लिया गया. सरमा ने एक्स पर कहा कि नए नाम का अर्थ 'देवी लक्ष्मी की भूमि' है. उन्होंने कहा कि बारपेटा के भसोनी चौक जैसे गांवों समेत कई स्थानों का नाम उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाने के लिए पहले ही बदला जा चुका है.

सीएम सरमा ने एक्स पर लिखा, 100 साल से भी पहले कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर ने असम के आधुनिक करीमगंज जिले को श्रीभूमि यानी मां लक्ष्मी की भूमि बताया था. आज असम कैबिनेट ने लंबे समय से चली आ रही लोगों की मांग को पूरा किया है. यह फैसला जिले के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को प्रतिबिंबित करेगा.

'अन्य स्थानों का भी बदला जा सकता है नाम'

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि असम के समृद्ध इतिहास और भाषाई विरासत को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए और अधिक स्थानों का नाम बदला जा सकता है. उन्होंने स्थानों के नामों को असम की सांस्कृतिक परंपराओं के साथ जोड़ने के लिए चल रहे प्रयासों की ओर संकेत किया.

'श्रीभूमि' का महत्व

सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि करीमगंज का नया नाम श्रीभूमि इसके सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखेगा. श्रीभूमि असमिया और बंगाली शब्दकोशों में दी गई परिभाषाओं के अनुरूप है. बता दें कि सितंबर में केंद्र सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर श्रीविजयपुरम कर दिया था.

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