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चीन का बांध बन सकता असम के लिए मुसीबत? भाजपा सांसद ने सरकार से की ये अपील

चाइना जल्द ही तिब्बत ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बड़ा बांध बनाने वाला है. लेकिन यह बांध असम और अरुणाचल प्रदेश के लिए खतरा साबित हो सकता है. इस संबंध में भाजपा सांसद दिलीप सैकिया ने लोकसभा में इस मुद्दे को उठाया और बांध बनने से होने वाली परेशानी को उजागर किया. हालांकि इस दौरान उन्होंने सरकार से इसे रुकवाने की अपील की है.

चीन का बांध बन सकता असम के लिए मुसीबत? भाजपा सांसद ने सरकार से की ये अपील
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( Image Source:  ANI )
सार्थक अरोड़ा
Edited By: सार्थक अरोड़ा

Updated on: 11 Feb 2025 12:55 PM IST

असम से भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद दिलीप सैकिया ने सोमवार को लोकसभा को संबोधित किया. जानकारी के अनुसार इस दौरान उन्होंने चाइना द्वारा तिब्बत ब्रह्मपुत्र नदी पर बनाए जाने वाले सबसे लंबे ब्रिज पर चिंता जताई है. इसी मुद्दे को उन्होंने लोकसभा में उठाया और सरकार से अपील की. उन्होंने कहा कि सरकार चीन की इस परियोजना को रोकने के लिए चीन के साथ बातचीत करें. वहीं इंडियन एक्स्प्रेस से बातचीत के दौरान भाजपा सांसद ने इस बांध के बनने को लेकर किन मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा इस पर बातचीत की.

उन्होंने इस दौरान कहा कि यह जो बांध जिस क्षेत्र में तैयार किया जा रहा है, वो अरुणाचल प्रदेश के बेहद करीब है. यदि इसका निर्माण होता है तो इससे पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचेगा और स्थानिय जनता भी इससे काफी प्रभावित होगी. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस बांध के निर्माण से ब्रह्मपुत्र के प्रवाह पर भी चीन का कंट्रोल हो जाएगा. भाजपा सांसद ने कहा कि उत्तर पूर्व भारत में जल संकट या फिर बाढ़ के संकट पैदा हो सकते हैं.

बांध को लेकर चिंता क्यों?

भाजपा सांसद ने कहा कि ब्रह्मपुत्र नदी हमारी लाइफलाइन है. अब क्योंकी अगर बांद का निर्माण होगा को पानी का फ्लो रोका जाएगा. इस फ्लो को रोकना हमारे लिए चुनौती साबित हो सकता है. उन्होने कहा कि इससे हमारी संस्कृति, सभ्यता और इकोनोमिक एक्टिविटीज पर भी असर पड़ेगा. उन्होंने कहा कि मैंने आज शून्यकाल में यह मामला उठाया ताकि भारत सरकार चीनी सरकार से उनकी योजनाओं के बारे में बात कर सके.' अगर कोई चिंता नहीं है तो भी हमें उनसे बात करनी चाहिए.' ये मेरी भारत सरकार से विनती है.

चिंता बढ़ाने का कोई इरादा नहीं

उन्होंने कहा कि मेरा इरादा हमारी चिंता बढ़ाना नहीं है. लेकिन अगर बांध तैयार होता है तो इसका असर निचले इलाके में रहने वाले लोगों पर कितना पड़ेगा. इसपर रिसर्च जरूर की जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि इस दौरान कुछ भी समस्या जैसे क्लाइमेट चेंज या फिर कोई भी नुकसान हो जाता है तो यह एक चिंता बन जिन लोगों को प्रभाव होगा उन्हें कैसे पुनर्वास किया जाए. हमें इस बात का भी ध्यान रखना होगा.

असम न्‍यूज
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