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न्यूजीलैंड ने इंडिया की निकाल दी हेकड़ी, फिर भी संजय मांजरेकर क्यों कर रहे हैं हिटमैन की तारीफ?

Rohit Sharma: संजय मांजरेकर के अनुसार, रोहित शर्मा ने यह दिखा दिया कि असली नेतृत्व का मतलब सिर्फ जीतने से नहीं होता, बल्कि अपनी गलतियों को पहचानने और स्वीकारने से भी होता है.

न्यूजीलैंड ने इंडिया की निकाल दी हेकड़ी, फिर भी संजय मांजरेकर क्यों कर रहे हैं हिटमैन की तारीफ?
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 18 Oct 2024 8:07 AM

Rohit Sharma: भारतीय क्रिकेट टीम और उसके प्रशंसक हाल ही में खत्म हुए टेस्ट मैच को शायद ही भूल पाएंगे. भारत अपने घर में खेले गए इस मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ महज 46 रनों पर सिमट गया, जो भारतीय क्रिकेट के लिए एक ऐतिहासिक और शर्मनाक पल था. यह पहला मौका था जब भारत अपनी धरती पर 50 रन से कम के स्कोर पर ऑलआउट हुआ. बल्लेबाजी के अलावा गेंदबाजी में भी टीम इंडिया कोई खास कमाल नहीं कर सकी. लेकिन इस निराशाजनक प्रदर्शन के बावजूद पूर्व क्रिकेटर और मौजूदा क्रिकेट एक्सपर्ट संजय मांजरेकर ने कप्तान रोहित शर्मा की दिल खोलकर तारीफ की. आखिर, ऐसी कौन सी वजह थी जिसने मांजरेकर को रोहित की प्रशंसा करने पर मजबूर किया?

रोहित की ईमानदारी की संजय मांजरेकर ने की तारीफ

इस हार के बाद, जहां अधिकतर आलोचक भारतीय टीम की कमजोरी और कप्तानी पर सवाल उठा रहे थे, वहीं संजय मांजरेकर ने रोहित शर्मा की एक खास बात को लेकर तारीफ की. मांजरेकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म "एक्स" (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा, "रोहित शर्मा की ईमानदारी और बड़े दिल की तारीफ करता हूं. उन्होंने खुद कहा कि उन्होंने पिच को सही से नहीं पढ़ा. किसी और को दोष नहीं दे रहे हैं. बेहतरीन इंसान!"

दरअसल, रोहित शर्मा ने मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुले तौर पर यह स्वीकार किया कि उन्होंने पिच और परिस्थितियों को सही तरीके से समझने में चूक की. इस बात को स्वीकारते हुए उन्होंने किसी भी खिलाड़ी या टीम के प्रदर्शन पर उंगली उठाने के बजाय खुद की गलती मानी. यही बात संजय मांजरेकर को काफी प्रभावित कर गई. मांजरेकर ने रोहित की इस ईमानदारी को सराहते हुए उन्हें बेहतरीन इंसान बताया, जो न केवल कप्तानी का सही मतलब समझते हैं, बल्कि अपनी गलतियों को भी खुले तौर पर मानने का साहस रखते हैं.

टॉस और रणनीति में गलती

रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था, जो बाद में भारत के लिए भारी साबित हुआ. उन्होंने तीन स्पिनर्स को खिलाने का निर्णय लिया, इस उम्मीद में कि पिच से शुरुआती सेशन में थोड़ा फायदा मिलेगा और बाद में स्पिन गेंदबाज अपना जलवा दिखा सकेंगे. लेकिन मैच की शुरुआत के साथ ही ओवरकास्ट कंडीशन, धीमी आउटफील्ड और फ्लडलाइट्स के चलते भारतीय बल्लेबाजों को न्यूजीलैंड के गेंदबाजों के सामने संघर्ष करना पड़ा. पहले ही सत्र में भारतीय टीम लड़खड़ा गई और 46 रनों पर पूरी टीम पवेलियन लौट गई.

एक कप्तान जो अपनी जिम्मेदारियों को समझता है और अपनी चूक को स्वीकार करता है, वह न केवल अपनी टीम का मनोबल ऊंचा रखता है, बल्कि अपने आलोचकों को भी एक संदेश देता है. मांजरेकर का मानना है कि इस कठिन समय में रोहित शर्मा की ईमानदारी और नेतृत्व ने साबित किया कि वह एक बेहतरीन कप्तान ही नहीं, बल्कि एक महान इंसान भी हैं.

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