कौन है 15 साल के शूटर Jonathan Anthony? ओलंपिक मेडेलिस्ट को चटा दी धूल; रचा इतिहास
उत्तराखंड में सोमवार को नेशनल गेम्स का एक इवेंट आयोजित हुआ था. इस इवेंट में कई ओलंपिक खिलाड़ियों ने भाग लिया. उनमें से एक सरबजोत सिंह भी शामिल थे. सरबजोत का मुकाबला कर्नाटक के रहने वाले 15 साल के जोनाथन एंथनी गाविन के साथ हुआ. इस मैच में एंथनी ने पेरिस ओलंपिक विजेता को हरा दिया और गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया.

उत्तराखंड में सोमवार को नेशनल गेम्स का एक इवेंट आयोजित हुआ था. इस इवेंट में कई ओलंपिक खिलाड़ियों ने भाग लिया. उनमें से एक सरबजोत सिंह भी शामिल थे. सरबजोत का मुकाबला कर्नाटक के रहने वाले 15 साल के जोनाथन एंथनी गाविन के साथ हुआ. इस मैच के बाद जोनाथन की खूब चर्चाए हैं. कारण पर बात करें तो बता दें कि जोनाथन ने इस मैच में ओलंपिक खिलाड़ी सरबजोत सिंह को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया. हालांकि सिर्फ गोल्ड मेडल ही नहीं खिलाड़ी ने इतिहास रच दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एंथनी ने इस मैच मे रविंदर सिंह 240.3) और गुरप्रीत सिंह (220.1) को पछाड़ते हुए 240.7 अंकों के साथ अपना पहला सीनियर नेशनल स्वर्ण पदक हासिल किया है. हालांकि फाइनल्स में पेरिस ओलंपिक विनर सरबजोत सिंह भी थे. लेकिन वह 198.4 अंकों के साथ चौथे स्थान पर रहे. वहीं सबसे कम उम्र में नेशनल गेम्स चैंपियन ने अपनी हिम्मत बरकरार रखी.
8 साल की उम्र से शुरू की शूटिंग
आपको बता दें कि एंथनी ने 8 साल की उम्र से शूटिंग गेम की शुरूआत की. साल 2022 में CBSE साउथ जोन की तरफ से आयोजित खेलों में गेम इवेंट में खेला था. उस दौरान भी एंथनी ने खूब सुर्खियां बटोरी थी. इस राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडल उन्होंने अपने नाम किया था. ये पहली बार था और उस दौरान एंथनी सिर्फ 8th क्लास में थे. उन्हें भारत के भविष्य का सितारा भी माना जा रहा है.
जोनाथन को उसके सपने को पूरा करने में उनके पेरेंट्स का सपोर्ट था. इस जीत के बाद उनकी मां ने रिएक्ट करते हुए कहा कि उन्होंने कभी भी किसी चीज पर एक्सपेरिमेंट से उसे रोका नहीं, फिर वो चाहे जिमनास्टिक हो, डांस हो, स्केटिंग ही क्यों न हो, यहां तक की चेज में भी उन्हें हाथ आजमाने दिया. एंथनी को उन्होंने ट्रैडिशमल तमिल स्टिक फाइटिंग मार्शल आर्ट की क्लासेस में एडमिशन दिलाया था.
बेटे की रुचि थी मालूम
एंथनी के पेरेंट्स को उम्मीद थी कि वह शूटिंग में दिलचस्पी रखेगा. एंथनी की मां ने बताया कि वह खुद नेशनल कैडेट कोर (एनसीसी) में अपने समय के दौरान कॉलेज स्तर की राइफल शूटर थी और एक बार वायु सेना में शामिल होने की ख्वाहिश रखती थी - एक महत्वाकांक्षा जो उसके परिवार की अस्वीकृति के कारण विफल हो गई थी. कयोंकी उन्होंने कॉपर्रेट ज्वाइन कर लिया. लेकिन अपने सपनों को उन्होंने नहीं छोड़ा. एंथनी के पिता इंटेलिजेंस ब्यूरो में काम करते हैं. इसलिए पेरेंट्स चाहते थे कि उनके बच्चे भी सशस्त्र बलों में शामिल हों और शूटिंग इस दिशा में पहला पड़ाव था.