धोनी से तुलना करने पर पंत ने क्या कहा? जवाब जान आप भी हो जाएंगे हैरान
Rishabh Pant: यह शतक उन्हें धोनी के बराबर ले आया, जिनके नाम भी टेस्ट क्रिकेट में छह शतक दर्ज हैं. इस रिकॉर्ड ने सोशल मीडिया पर पंत की तुलना धोनी से करनी शुरू कर दी. पंत का कहना है कि वह सिर्फ अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर ध्यान देते हैं, न कि उन चर्चाओं पर.

Rishabh Pant: भारत के विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋषभ पंत ने हाल ही में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए पहले टेस्ट में शानदार शतक लगाकर सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा. चेन्नई में खेले गए इस मुकाबले में पंत की इस शानदार वापसी ने उन्हें भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ तुलना करने पर मजबूर कर दिया. टेस्ट मैच की तीसरी पारी में 109 रनों की शानदार पारी खेलने के बाद पंत ने अपनी बात रखते हुए कहा कि उन्हें धोनी से तुलना करना सही नहीं लगता, क्योंकि वह खुद को अलग मानते हैं और खुद का एक विशेष खेल दिखाने पर ध्यान केंद्रित करते हैं.
यह मुकाबला भारतीय टीम के लिए खास था क्योंकि बांग्लादेश के खिलाफ 280 रनों की जोरदार जीत के बाद पंत के नाम उनके करियर का छठा टेस्ट शतक दर्ज हो गया.
धोनी से तुलना पर पंत का जवाब
मैच के बाद ब्रॉडकास्टर से बातचीत के दौरान पंत ने कहा, “यह चेन्नई सुपर किंग्स का घरेलू मैदान है और माही भाई ने यहां बहुत क्रिकेट खेला है. लेकिन, मैंने पहले भी कहा है कि मैं खुद को सिर्फ अपने जैसा बनाना चाहता हूं. मैं इस बात पर ध्यान नहीं देता कि लोग क्या कह रहे हैं या मेरे बारे में क्या चल रहा है. मैं सिर्फ चीजों को सरल रखता हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ देने पर ध्यान देता हूं.”
उनकी इस प्रतिक्रिया ने साफ कर दिया कि वह खुद को धोनी के साथ तुलना करने के बजाय अपनी खेल शैली और योगदान पर ध्यान केंद्रित करते हैं. पंत का यह बयान दर्शकों और फैंस को प्रभावित करने वाला था, क्योंकि धोनी भारतीय क्रिकेट के महानतम खिलाड़ियों में से एक माने जाते हैं.Know what Rishabh Pant says on comparison with MS Dhoni
शानदार प्रदर्शन
पंत की वापसी के साथ उनके खेल में एक नया जोश देखने को मिला. दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए आखिरी मैच के बाद से पंत लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहे थे. 650 दिनों के बाद टेस्ट क्रिकेट में लौटने वाले पंत के लिए यह पारी बेहद अहम थी. हालांकि उन्होंने कुछ ही समय पहले दुलीप ट्रॉफी में एक अर्धशतक भी बनाया था, लेकिन इस शतक ने उनके खेल में पूर्णता ला दी.
मैच के दौरान पंत की बल्लेबाजी दो अलग-अलग रूपों में नजर आई. अपनी पारी की शुरुआत में उन्होंने बेहद संयम से खेलते हुए गेंदों को छोड़ना शुरू किया, खासकर ऑफ साइड की गेंदों को. लेकिन लंच के बाद, कप्तान रोहित शर्मा की सलाह पर उन्होंने अपने स्वाभाविक अंदाज में खेलते हुए बाउंड्री की झड़ी लगा दी.
उन्होंने कहा, "मैंने अपनी सोच को सरल रखा और स्थिति के अनुसार खेला. तीसरे दिन की शुरुआत स्पिनरों से हुई, लेकिन मैं किसी पूर्वनिर्धारित योजना के साथ नहीं खेल रहा था. हमें तीन विकेट जल्दी खोने के बाद मैं सतर्क था कि ज्यादा जोखिम न लूं, ताकि हमारे आखिरी बल्लेबाजों को जल्दी ना खेलना पड़े. पिच अच्छी थी, और मैं इसका फायदा उठाना चाहता था.”
150 बनाना चाहते थे पंंत
पंत ने यह भी बताया कि लंच के बाद टीम की घोषणा को लेकर चर्चा हुई थी, “लंच के समय रोहित शर्मा ने कहा था कि हमें ब्रेक के बाद एक घंटा और खेलने का मौका मिलेगा और तब तक जितने रन बना सकते हैं, उतने बनाने की कोशिश करनी चाहिए. मैंने सोचा था कि शायद मैं 150 तक पहुंच जाऊं.”
इस पारी के बाद ऋषभ पंत ने यह साबित कर दिया कि भले ही उनकी तुलना महेंद्र सिंह धोनी से की जा रही हो, लेकिन उनका खेल और मानसिकता उन्हें एक अलग मुकाम पर ले जाता है. पंत का यह आत्मविश्वास और सादगी उनके फैंस और आलोचकों दोनों को प्रभावित करती है.