18 गेंदों जीत लिया मैच, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जम्मू ने दिखाया दम
Syed Mushtaq Ali Trophy: इस मुकाबले ने यह साबित कर दिया कि छोटे स्कोर वाले मैच भी रोमांचक हो सकते हैं. जम्मू-कश्मीर के गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने मिलकर जिस तरह का प्रदर्शन किया, वह टीम की तैयारियों और आत्मविश्वास को दर्शाता है.

भारतीय घरेलू क्रिकेट में खेले जा रहे सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 के एक मुकाबले में जम्मू-कश्मीर ने धमाकेदार प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया. इस मैच में जम्मू-कश्मीर ने अरुणाचल प्रदेश को सिर्फ 18 गेंदों में हराकर टूर्नामेंट की अब तक की सबसे बड़ी जीत दर्ज की. अरुणाचल प्रदेश के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण यह मुकाबला महज कुछ ही ओवरों में खत्म हो गया.
32 रनों पर सिमटी अरुणाचल प्रदेश की पारी
यह मैच मुंबई के शरद पवार क्रिकेट अकादमी बीकेसी में खेला गया. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी अरुणाचल प्रदेश की टीम के लिए यह फैसला महंगा साबित हुआ. टीम महज 9.1 ओवर में 32 रन बनाकर ढेर हो गई. इस पारी में कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार नहीं कर सका.
अरुणाचल के लिए सबसे ज्यादा नाबाद 5 रन अभिषेक पुजारी ने बनाए. वहीं, जम्मू-कश्मीर के गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरी पारी को तहस-नहस कर दिया. आबिद मुश्ताक ने 4 विकेट चटकाए और विपक्षी बल्लेबाजी क्रम की रीढ़ तोड़ दी.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में दूसरा सबसे कम स्कोर
अरुणाचल प्रदेश ने इस मुकाबले में एक शर्मनाक रिकॉर्ड भी दर्ज किया. उनका 32 रनों का स्कोर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के इतिहास का दूसरा सबसे छोटा स्कोर है. इससे पहले साल 2009 में त्रिपुरा की टीम झारखंड के खिलाफ सिर्फ 30 रन बनाकर आउट हो गई थी. अरुणाचल प्रदेश इस रिकॉर्ड को तोड़ने से बाल-बाल बची, लेकिन उनका प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा.
जम्मू-कश्मीर ने सिर्फ 18 गेंदों में किया लक्ष्य हासिल
महज 33 रनों के छोटे लक्ष्य का पीछा करने उतरी जम्मू-कश्मीर की टीम ने मुकाबला आसानी से जीत लिया. उन्होंने 3 ओवरों में ही यह लक्ष्य हासिल कर लिया, और मुकाबला 102 गेंद रहते समाप्त हो गया.
जम्मू-कश्मीर के लिए युद्धवीर सिंह ने 11 गेंदों पर नाबाद 21 रन बनाए, जबकि कमरन इकबाल 10 रन बनाकर नाबाद रहे. यह जीत सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में गेंदों के हिसाब से सबसे बड़ी जीत है. इससे पहले 2009 में झारखंड ने त्रिपुरा को 100 गेंदें शेष रहते हराया था.
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2024 में यह मुकाबला न सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लिए यादगार रहेगा, बल्कि इसने टूर्नामेंट में रोमांच का नया अध्याय भी जोड़ा है.