मां लक्ष्मी को क्यों आ सकती है नाराजगी? जानें प्रेमानंद महाराज जी की खास सीख
वृंदावन के पूजनीय संत, श्री हिट प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज, अपने प्रेरणादायक विचारों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. उनके प्रवचनों में जीवन को सही दिशा देने और भक्ति के महत्व को समझाने की गहरी शिक्षा मिलती है. हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे बता रहे हैं कि कौन-सी गलतियों के कारण मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं.

Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: वृंदावन के पूजनीय संत, श्री हिट प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज, अपने प्रेरणादायक विचारों के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध हैं. उनके प्रवचनों में जीवन को सही दिशा देने और भक्ति के महत्व को समझाने की गहरी शिक्षा मिलती है. हाल ही में उनका एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वे बता रहे हैं कि कौन-सी गलतियों के कारण मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं.
मां लक्ष्मी क्यों होती हैं रुष्ट?
प्रेमानंद महाराज जी के अनुसार, भगवान से कुछ मांगते समय अक्सर लोग सौदेबाजी करने लगते हैं. जैसे, 'हे भगवान! अगर मेरी मनोकामना पूरी हो गई, तो 500 रुपए का भोग चढ़ा देंगे या मंदिर बनवा देंगे.' महाराज जी कहते हैं कि यह तरीका बिल्कुल गलत है. इससे मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं. वे समझाते हैं कि इस प्रकार की प्रार्थना से देवी-देवता यह सोचते हैं कि हमने उन्हें नौकर समझ लिया है, जो पैसे के बदले काम करेंगे, यह भावना भक्त और भगवान के बीच के प्रेमपूर्ण रिश्ते को ठेस पहुंचाती है.
कैसे करें सही प्रार्थना?
प्रेमानंद महाराज जी कहते हैं कि भगवान को पैसों या भोग का लालच देने की बजाय अपनेपन और प्रेम से प्रार्थना करनी चाहिए. उन्हें सच्चे मन से यह कहना चाहिए कि,'हे प्रभु! आपने हमें सब कुछ दिया है, लेकिन इस समस्या का समाधान सिर्फ आप ही कर सकते हैं. ईश्वर प्रेम और श्रद्धा के भूखे होते हैं, न कि धन या चढ़ावे के। सच्चे मन से की गई प्रार्थना और अपनत्व का भाव ही आपकी मनोकामनाओं को पूरा करेगा.
क्या न करें गलती?
महाराज जी यह भी कहते हैं कि ठाकुर जी को सौदेबाजी में न उलझाएं. वे संसार के मालिक हैं, न कि किसी कार्य को पैसे के बदले पूरा करने वाले. इसलिए, जब भी प्रार्थना करें, तो इसे एक अनुबंध की तरह न बनाएं.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.