कब से शुरू होगा पौष का महीना, जानिए इस महीने का धार्मिक महत्व और पूजा नियम
पौष माह अगहन के बाद शुरू होता है और इस वर्ष 5 दिसंबर से 3 जनवरी 2026 तक रहेगा. हिंदू धर्म में यह माह भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. पौष में गंगा स्नान, दान, व्रत, तप, साधना और पितरों को तर्पण का विशेष महत्व है. इस माह विवाह और गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं. पौष में सूर्यदेव को अर्घ्य, सत्संग, धार्मिक पाठ और जरूरतमंदों को दान करने से सुख-समृद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है.
अगहन माह की समाप्ति के बाद पौष माह की शुरुआत होती है. हिंदू धर्म में पौष माह का विशेष महत्व होता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, पौष माह वर्ष का दसवां महीना होता है. धार्मिक नजरिए से पौष महीना भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा-उपासना के लिए सबसे शुभ और उत्तम माना जाता है.
पौष माह में गंगा स्नान, दान, व्रत और ध्यान का विशेष महत्व होता है. पौष माह पितरों को तर्पण देने के लिए भी बहुत ही शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं पौष माह कब से शुरू हो रहा है और इस माह किन-किन नियमों का पालन करना होता है.
कब से शुरू होगा पौष माह
हिंदू पंचांग के अनुसार, पौष माह की शुरुआत 05 दिसंबर से होने जा रही है और इस माह का समापन 03 जनवरी 2026 को होगा. इस माह में भगवान विष्णु और सूर्यदेव की पूजा-उपासना का विशेष महत्व होता है.
पौष माह का धार्मिक महत्व
सूर्योपासना का समय
पौष का महीना हिदू धर्म में विशेष महत्व रखता है. इस माह सूर्यदेव की विशेष पूजा और उपासना होती है. पौष माह में आने वाले व्रत-त्योहारों का विशेष महत्व होता है. ऐसी मान्यता है कि पौष माह में भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से पापों नष्ट होते हैं और अच्छी सेहत, सुख-समृद्धि और धन की प्राप्ति होती है.
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पौष माह तप और साधना का महीना
पौष माह में ठंड रहती है और इस माह में तपस्या, साधना, ध्यान, योग और उपवास करने से आत्म की शुद्धि होती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पौष माह में किया गया तप और ध्यान कई गुना फलदायी होता है.
पितरों को तर्पण देने का महत्व
पौष माह में जहां भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा का महत्व होता है वहीं यह माह पितरों के लिए तर्पण और श्राद्ध कर्म करने के लिए अत्यंत ही शुभ होता है. पौष माह की अमावस्या पितरों के तर्पण के लिए विशेष माना गया है.
मांगलिक कार्य होते हैं वर्जित
पौष महीना धार्मिक अनुष्ठानों और पूजा-पाठ के लिए बहुत ही शुभ होता है लेकिन यह माह विवाह, गृह प्रवेश और अन्य मांगलिक कार्य निषिद्ध होते हैं. यह माह देवताओं के लिए विश्राम का समय माना जाता है.
पौष माह में दान- पुण्य का महत्व
पौष माह में दान-पुण्य का विशेष महत्व है. इस माह में जरूरतमंदों को गर्म कपड़े और अनाज का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.
पौष माह सत्संग का समय
पौष माह में भागवत कथा, रामायण पाठ और सत्संग सुनने का खास महत्व होता है. यह माह भगवान विष्णु और भगवान शिव की आराधना का विशेष महत्व है.





