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Pradosh Vrat September 2024: प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें शिव-गौरी की पूजा, भोलनेनाथ के साथ पितरों का भी मिलेगा आशीर्वाद

Pradosh Vrat September 2024:29 सितंबर 2024 को मनाए जाने वाला प्रदोष व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इस दिन शिव-गौरी की पूजा और पितरों की आराधना करने से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है. सही पूजा विधि और तर्पण से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के सभी कष्ट समाप्त होते हैं.

Pradosh Vrat September 2024: प्रदोष व्रत के दिन ऐसे करें शिव-गौरी की पूजा, भोलनेनाथ के साथ पितरों का भी मिलेगा आशीर्वाद
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Pradosh Vrat September 2024
स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Published on: 29 Sept 2024 10:23 AM

Pradosh Vrat September 2024: प्रदोष व्रत का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है और इसे हर माह की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव की उपासना के लिए रखा जाता है. सितंबर 2024 में दूसरा प्रदोष व्रत 29 सितंबर को मनाया जा रहा है, जो रवि प्रदोष व्रत के नाम से जाना जाता है क्योंकि यह रविवार के दिन पड़ रहा है. इस दिन शिव-गौरी की पूजा के साथ-साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है, जिससे जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है.

प्रदोष व्रत की तिथि और शुभ मुहूर्त

  • प्रदोष व्रत की तिथि: 29 सितंबर 2024 (रविवार)
  • प्रदोष काल: संध्या के समय, जो सूर्यास्त के बाद का लगभग 1.5 घंटे का समय होता है. इस समय शिवजी की विशेष पूजा की जाती है, जो अत्यंत शुभ मानी जाती है​..

रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि

रवि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है. सही पूजा विधि का पालन करने से शिवजी और माता गौरी की कृपा प्राप्त होती है.

  • सुबह स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें.
  • पूजा स्थान में शिवलिंग या भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें.
  • भगवान शिव को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से अभिषेक करें.
  • शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, और सफेद फूल चढ़ाएं और माता पार्वती को लाल वस्त्र और सिंदूर अर्पित करें.
  • शिव मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप करें.
  • शाम के समय प्रदोष काल में दीपक जलाकर आरती करें और भगवान शिव से परिवार की सुख-समृद्धि के लिए आशीर्वाद मांगें​(

रवि प्रदोष का महत्व

रवि प्रदोष व्रत का महत्व और भी अधिक है क्योंकि रविवार को सूर्य देवता का दिन माना जाता है. इस दिन व्रत रखने से विशेष रूप से स्वास्थ्य से जुड़े लाभ मिलते हैं. इसके अलावा, इस दिन पितरों की पूजा का भी खास महत्व है. पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए इस दिन तर्पण और दान करना शुभ माना गया है. पितृ दोष से पीड़ित लोग इस दिन शिव जी के साथ पितरों की पूजा करके अपने कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं​(

पितृ दोष निवारण के उपाय

  • तर्पण करें: गंगा जल में तिल डालकर पितरों के निमित्त तर्पण करें, जिससे पितृ दोष समाप्त होता है.
  • दान-पुण्य करें: इस दिन ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्रों का दान करें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं और परिवार पर उनकी कृपा बनी रहती है​(

उपवास का महत्व

रवि प्रदोष व्रत का उपवास व्यक्ति के जीवन में समृद्धि और शांति लाता है. इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट होते हैं और शिवजी की कृपा से जीवन के कष्ट दूर होते हैं. इसके अलावा, शिवजी के साथ पितरों की पूजा करने से परिवार में सुख और शांति का वास होता है. प्रदोष व्रत को करने से न केवल सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है, बल्कि मोक्ष का मार्ग भी खुलता है​(

डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.

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