Nautapa 2025: कब से शुरू होगा नौतपा और क्या है इसका ज्योतिष शास्त्र से कनेक्शन? पड़ेगी इस बार प्रचंड गर्मी
हर साल मई-जून में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तब नौतपा की शुरुआत होती है. इसे हिंदू धर्म में अत्यधिक गर्मी के 9 दिन माना जाता है. 2025 में नौतपा 25 मई से 8 जून तक रहेगा. इस दौरान सूर्य की किरणें सीधी पृथ्वी पर पड़ती हैं जिससे तापमान चरम पर पहुंचता है. ज्योतिष के अनुसार शुक्र और सूर्य की शत्रुता भी इस गर्मी को बढ़ाती है. इन दिनों पृथ्वी और सूर्य की दूरी भी सबसे कम होती है.

गर्मी का लगातार प्रकोप बढ़ता जा रहा है. जैसे ही मई-जून का महीना आता है वैसे ही गर्मी अपने चरम पर होती है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार हर वर्ष ज्येष्ठ माह में जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तब नौतपा शुरू हो जाता है. नौतपा यानी गर्मी के 9 दिन. नौतपा के दौरान सूरज के प्रकोप के कारण धरती का तापमान सबसे अधिक होता है. इन 9 दिनों तक धरती पर प्रचंड गर्मी होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष नौतपा 25 मई से शुरू होकर 8 जून तक चलेगा. आइए जानते हैं इस नौतपा से जुड़ी मान्यताएं.
क्या होता है नौतपा
नौतपा जैसे ही इसके नाम से ही स्पष्ट होता है तपिश के नौ दिन. जब ग्रहों के राजा और ऊर्जा के स्त्रोत सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं तो नौतपा शुरू हो जाता है. इस साल सूर्यदेव 25 मई को सुबह 03 बजकर 27 मिनट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे. फिर इसके बाद 8 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश कर जाएंगे. सूर्य देव 15 दिनों तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे. जिसमें से शुरू के 9 दिनों तक भयंकर गर्मी रहेगी. आपको बता दें कि सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने पर सूर्य की किरणें धरती पर एकदम सीधी धरती पर पड़ती है जिसे बहुत ज्यादा गर्मी हो जाती है.
क्या है नौतपा और ज्योतिष का संबंध
नौतपा का संबंध ज्योतिष शास्त्र की गणनाओं से भी है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब ग्रहों के राजा सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होते हैं, तब इस दौरान सूर्य का तापमान आम दिनों के मुकाबले ज्यादा हो जाता है. दरअसल रोहिणी नक्षत्र के स्वामी शुक्रदेव होते है और सूर्य का शुक्र के साथ आपस में शत्रुता का भाव होता है. ऐसे में जब दोनों ही ग्रह एक साथ आते हैं तो दोनों की ऊर्जाएं ज्यादा काम करने लगती है जिससे अधिक गर्मी होती है. वहीं दूसरी तरफ नौतपा के दौरान सूर्य और पृथ्वी की दूर सबसे कम होती है जिससे सूर्य की प्रकाश पृथ्वी पर ज्यादा पड़ता है और गर्मी अपने चरम पर होती है.