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Sawan 2025: कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना, कितने होंगे सोमवार और क्या है इसका महत्व?

इस बार सावन 30 दिनों का होगा जिसमें चार सोमवार पड़ेंगे. यह महीना भगवान शिव की पूजा, व्रत और जलाभिषेक के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दौरान शिवजी पार्वती संग पृथ्वी लोक आए थे. सावन में सात्विक भोजन, संयमित जीवन और शिवलिंग पर जल-दूध अर्पण से मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

Sawan 2025: कब से शुरू हो रहा है सावन का महीना, कितने होंगे सोमवार और क्या है इसका महत्व?
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( Image Source:  Create By AI Sora )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 1 Dec 2025 1:13 PM IST

हिंदू धर्म में हर एक माह का विशेष महत्व होता है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल का पहला महीना चैत्र होता है जबकि आखिरी फाल्गुन. व्रत-त्योहारों की तिथियों का हर एक महीने में खास स्थान होता है. हिंदू धर्म में सावन का महीना बहुत ही पवित्र और विशेष होता है. यह महीना भगवान शिव की पूजा-आराधना और मंत्रोचार के लिए समर्पित होता है.

सावन के महीने में हर एक दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना के लिए बहुत ही शुभ फलदायी और उपयुक्त माना गया है. सावन के महीने का इंतजार हर शिवभक्तों को बेसब्री से होता है. सावन में शिवलिंग पर जल अर्पित करने से विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति होती है. सावन के महीने में आने वाले सोमवार व्रत का विशेष महत्व होता है. आइए जानते हैं सावन का महीना इस साल कब से शुरू हो रहा है और महत्व.

कब से सावन 2025 होगा शुरू

हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस वर्ष सावन का पवित्र महीना 11 जुलाई से आरंभ हो रहा है और इसका समापन 9 अगस्त होगा. इस बार सावन का महीना पूरे 30 दिनों को रहेगा. सावन के महीने में इस बार कई तरह के शुभ संयोगों का निर्माण होने जा रहा है. सावन के महीने में शिव उपासना करने से जीवन सुखी और मन शांत रहता है.

सावन माह में कितने सोमवार?

इस वर्ष सावन का महीना पूरे 30 दिनों का होगा और इसमें कुल 4 सावन सोमवार होंगे. सावन माह का पहला सोमवार 14 जुलाई को, दूसरा 21 जुलाई को, तीसरा 28 जुलाई को और चौथा सावन सोमवार 4 अगस्त होगा. सावन सोमवार पर अविवाहित कन्या व्रत-उपवास और शिव भक्ति में डूबी रहती हैं. इससे जल्द ही अच्छे वर की मनोकामना पूरी होती हैं.

सावन माह का धार्मिक महत्व

पुराणों और धर्म ग्रंथों के अनुसार श्रावण का महीना भगवान शिव बहुत ही प्रिय होता है. ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में ही अपनी पत्नी पार्वती जी के साथ पृथ्वी लोक यानी अपने मायके में आए थे. तब सभी लोगों में शिवजी का स्वागत करने के लिए जलाभिषेक किया था. सावन के महीने में हर एक दिन भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करने का महत्व होता है. सावन में शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद और गंगाजल से अभिषेक करने से शुभ फलो की प्राप्ति होती है. सावन के महीने में हर दिन सात्विक भोजन और सादा जीवन जीने की कोशिशें करनी चाहिए. सावन के महीने पवित्रता का विशेष ध्यान देना चाहिए. सावन में मांस, मदिरा,लहसुन और प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए.

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