प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता हैं भगवान गणेश, जानिए बुधवार के दिन इनकी पूजा से मिलने वाले लाभ
भगवान गणेश को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता माना जाता है. किसी भी नए कार्य की शुरुआत से पहले उनकी पूजा करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और काम में सफलता मिलती है. खासतौर पर बुधवार के दिन गणेश जी की आराधना करने से जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति प्राप्त होती है. यदि आप चाहते हैं कि आपके प्रयास फलदायक हों और जीवन में सकारात्मक बदलाव आएं, तो इस दिन गणेश जी की पूजा करना अत्यंत लाभकारी होता है.
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार श्री गणेश को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता कहा गया है. पुराणों में वर्णित है कि किसी भी शुभ कार्य का आरंभ गणपति आराधना से करने पर सभी बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं. सप्ताह के सात दिनों में बुधवार का दिन गणेश पूजन के लिए विशेष रूप से शुभ माना गया है, क्योंकि यह दिन बुद्धि, वाणी, निर्णय-शक्ति और सफलता देने वाले श्रीगणेश के मंगलकारी प्रभाव को बढ़ाता है.
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ऐसा माना जाता है कि यदि बुधवार के दिन उचित विधि से गणेशजी की स्थापित प्रतिमा की पूजा की जाए, और उसकी सूंड की दिशा का सही चयन किया जाए, तो देवता की कृपा कई गुना बढ़ जाती है और जीवन में शुभता का आगमन होता है.
दाईं ओर मुड़ी सूंड -शक्ति, तेज और विजय का प्रतीक
धार्मिक मान्यता के अनुसार दाईं ओर मुड़ी हुई सूंड वाले श्रीगणेश सूर्य के उग्र और तेजस्वी ऊर्जा रूप का प्रतिनिधित्व करते हैं. इस स्वरूप को ‘सिद्धिविनायक’ कहा गया है. इनकी उपासना विशेष नियमों और अनुशासन के साथ करनी पड़ती है. साधारणत: घरों में यह प्रतिमा रखने की सलाह नहीं दी जाती, क्योंकि इसमें तीव्र ऊर्जा का संचार रहता है. दाईं सूंड वाले गणेशजी की पूजा शत्रु नाश, कठिन कार्यों की सिद्धि, बाधा निवारण और शक्ति वृद्धि के लिए अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है. यदि कोई व्यक्ति इन्हें स्थापित करे तो विधि-विधान के साथ नियमित पूजा आवश्यक है.
बाईं ओर मुड़ी सूंड- सौम्यता, शांति और समृद्धि की दाता
गणेशजी की बाईं ओर मुड़ती सूंड चंद्रमा के सौम्य और शांत प्रभाव को दर्शाती है. यह स्वरूप परिवारिक सुख, शांत वातावरण और धन वृद्धि का प्रतीक माना गया है. घर, दुकान या कार्यालय में स्थापित करने के लिए बाईं सूंड वाली प्रतिमा सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है. यह सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है और नकारात्मकता को रोकती है. बुधवार के दिन इस स्वरूप की विशेष पूजा करने से घर में सुख-शांति, संतान सुख, सौभाग्य और स्थिर समृद्धि आती है.
सीधी सूंड वाले गणेश जी का मतलब
सीधी सूंड वाले श्री गणेश का स्वरूप अत्यंत दुर्लभ और आध्यात्मिक ऊँचाई का प्रतीक माना जाता है. यह स्वरूप तीनों दिशाओं में झुकाव दर्शाता है, जिसे योग, साधना, आत्मबल, आध्यात्मिक जागरण और मोक्ष का द्योतक माना गया है.
ऋषि-मुनि या साधक वर्ग इस स्वरूप की उपासना को सर्वश्रेष्ठ मानते हैं. बुधवार के दिन यदि कोई व्यक्ति साधना, मानसिक स्थिरता या आध्यात्मिक प्रगति की इच्छा से इस स्वरूप की पूजा करे तो उसे विशेष लाभ मिलता है.





