महाभारत काल की रहस्यमयी जगह जहां द्रौपदी ने की थी छठ पूजा! जानें इस स्थल की अनकही कहानी और ऐतिहासिक राज
छठ पूजा का महत्व पौराणिक काल से ही बहुत विशेष माना जाता है और यह त्योहार प्राचीन मान्यताओं से जुड़ा हुआ है. छठी मैया की पूजा करने के लिए लोग आस्था से भरे रहते हैं. महाभारत काल में भी पांडवों के अज्ञातवास के दौरान द्रौपदी ने छठ पूजा की थी.

Chhath Puja 2024: छठ पूजा का महत्व पौराणिक काल से ही बहुत विशेष माना जाता है और यह त्योहार प्राचीन मान्यताओं से जुड़ा हुआ है. छठी मैया की पूजा करने के लिए लोग आस्था से भरे रहते हैं. महाभारत काल में भी पांडवों के अज्ञातवास के दौरान द्रौपदी ने छठ पूजा की थी. इसी से जुड़ी एक कहानी समस्तीपुर जिले के भगवानपुर कमला गांव के देवखाल चौर से संबंधित है. आइए जानते हैं इस स्थान की खासियत और द्रौपदी के छठ पूजा से जुड़े रहस्यों को.
पांडवों का गुप्त मार्ग
भगवानपुर कमला गांव का देवखाल चौर महाभारत कालीन घटनाओं से जुड़ा है. माना जाता है कि यहीं पांडवों ने लाक्षागृह से बचने के लिए एक सुरंग का निर्माण किया था, जिससे वे सुरक्षित बाहर निकल सके. कार्तिक मास में उसी स्थान पर द्रौपदी ने छठ पूजा की थी. उस समय के बाद से यह स्थल एक पवित्र तीर्थ स्थान बन चुका है और यहां हर साल छठ पर्व पर हजारों श्रद्धालु आते हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, दैवीय प्रभाव के कारण इस चौर का पानी कभी नहीं सूखता था, चाहे आसपास सूखा पड़ जाए.
देवखाल चौर की खासियत
स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवखाल चौर का पानी उर्वरा शक्ति से भरपूर है और यहां की मिट्टी भी विशेष महत्व रखती है. इस स्थल पर एक और पवित्र स्थान है जिसे जयमंगला स्थान कहा जाता है. पूरे बिहार में जयमंगला स्थान केवल दो जगहों पर है, जिनमें से एक यह है. स्थानीय निवासियों का मानना है कि यह स्थल पांडवों और द्रौपदी की पूजा से विशेष रूप से पवित्र बन गया है और इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाना चाहिए.
द्रौपदी का छठ पूजन
झारखंड के रांची जिले के निकट नगड़ी गांव के रानीचुआं परिसर का भी महाभारत काल से जुड़ाव है. कहा जाता है कि यहां द्रौपदी ने छठ पूजा की थी और यहां के गड्ढे से हमेशा पानी की धारा बहती रहती है. इस क्षेत्र के निवासियों का मानना है कि इस स्थान पर छठ पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मान्यता है कि अर्जुन ने अपनी मां कुंती के लिए यहां पानी का इंतजाम किया था, और तभी से इस पानी में सोने के कण मौजूद हैं.
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टि नहीं करते.