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Govardhan Puja 2024: इन मंदिरों में दर्शन कर मनाएं गोवर्धन पूजा का पर्व, भगवान कृष्ण का मिलेगा आशीर्वाद

वर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर को देशभर में बड़े उत्साह से मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है, जिसमें 56 प्रकार के व्यंजनों की पेशकश की जाती है। गोवर्धन पूजा का महत्व भगवान कृष्ण के काल से जुड़ा हुआ है, जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत को पूजनीय घोषित किया था.

Govardhan Puja 2024: इन मंदिरों में दर्शन कर मनाएं गोवर्धन पूजा का पर्व, भगवान कृष्ण का मिलेगा आशीर्वाद
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स्टेट मिरर डेस्क
By: स्टेट मिरर डेस्क

Updated on: 2 Nov 2024 1:36 PM IST

Govardhan Puja 2024: गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर को देशभर में बड़े उत्साह से मनाया जाएगा। इस दिन भगवान कृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाया जाता है, जिसमें 56 प्रकार के व्यंजनों की पेशकश की जाती है। गोवर्धन पूजा का महत्व भगवान कृष्ण के काल से जुड़ा हुआ है, जब उन्होंने गोवर्धन पर्वत को पूजनीय घोषित किया था। आइए जानते हैं उन पांच प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जहां गोवर्धन पूजा का आयोजन बेहद विशेष होता है।

वृंदावन का गोवर्धन पर्वत

गोवर्धन स्थित गोवर्धन पर्वत गोवर्धन पूजा का सबसे प्रमुख स्थल है. यहां हजारों भक्त इस पवित्र पर्वत की परिक्रमा करते हैं और भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन होकर पर्वत को अन्नकूट का भोग चढ़ाते हैं. इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं, जिससे पूरे क्षेत्र में भक्ति का अद्वितीय माहौल बनता है.

वृंदावन का बांके बिहारी मंदिर

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में गोवर्धन पूजा का आयोजन भव्यता से होता है. मंदिर को इस दिन विशेष रूप से सजाया जाता है और भगवान को 56 भोग का अर्पण किया जाता है. भजन और कीर्तन की गूंज भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देती है, जिससे यहां का हर पल भक्ति में डूबा रहता है.

द्वारकाधीश मंदिर, गुजरात

द्वारका स्थित द्वारकाधीश मंदिर में गोवर्धन पूजा के दिन मिठाइयों और व्यंजनों से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है. इस आयोजन को देखने के लिए देश-विदेश से भक्त पहुंचते हैं और परंपरागत आरती और पूजा में भाग लेते हैं. यहां की भव्यता श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर देती है.

दिल्ली इस्कॉन मंदिर

दिल्ली स्थित इस्कॉन मंदिर में गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाई जाती है. यहां भगवान को भोग लगाने के साथ-साथ भक्त विशेष कीर्तन, भक्ति नृत्य और प्रवचन में भाग लेते हैं. इस आयोजन की भव्यता और आध्यात्मिकता भक्तों को विशेष आकर्षण प्रदान करती है.

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