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देवउठनी एकादशी पर करें ये खास उपाय, दूर होगी दरिद्रता और मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न

देवउठनी एकादशी, जिसे हरि प्रबोधिनी एकादशी भी कहा जाता है, भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागने का प्रतीक है. इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है. मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और तुलसी की पूजा से दरिद्रता दूर होती है और सुख-समृद्धि मिलती है. तुलसी विवाह, शालिग्राम पूजा, दीपदान, और दान जैसे उपाय करने से आर्थिक स्थिरता, दांपत्य सुख और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है.

देवउठनी एकादशी पर करें ये खास उपाय, दूर होगी दरिद्रता और मां लक्ष्मी होंगी प्रसन्न
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( Image Source:  Sora AI )
State Mirror Astro
By: State Mirror Astro

Updated on: 29 Oct 2025 7:00 PM IST

हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत का विशेष महत्व होता है. हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष में एकादशी का व्रत रखा जाता है. लेकिन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी का खास महत्व होता है. इस तिथि को देवोत्थान एकादशी, देवउठनी एकादशी और हरि प्रबोधनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा के बाद जागते हैं और सृष्टि के संचालन की बागडोर फिर से संभालते हैं. इस दौरान चार माह तक चलने वाला चातुर्मास का समापन भी हो जाता है. देवउठनी एकादशी के बाद से सभी तरह के शुभ, मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह शुरू हो जाते हैं.

देवउठनी एकादशी पर विधि-विधान के साथ व्रत, पूजा और अनुष्ठान करने का विधान होता है. इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और तुलसी के पौधे की पूजा करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णउ को तुलसी प्राण प्रिय हैं और इसमें मां लक्ष्मी का वास होता है,इसलिए देवउठनी एकादशी के बाद सबसे पहले तुलसी के साथ उनके विवाह का आयोजन और धार्मिक अनुष्ठान किया जाता है. इस दिन व्रत और पूजा के अलावा भी कुछ धार्मिक उपाय करने विशेष महत्व होता है. इससे भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और देवी तुलसी की कृपा बनी रहती है, जिससे जीवन में आने वाले कष्ट दूर होते हैं और हर तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

देवउठनी एकादशी पर करें ये उपाय

आर्थिक सपंन्नता और सुख-समृद्धि के लिए उपाय

शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु को पौधों में तुलसी, महीनों में कार्तिक, दिवसों में एकादशी विशेष प्रिय होती है. इस कारण कार्तिक माह में तुलसी पूजा और देवउठनी एकादशी के दिन तुलसी पूजा करने से भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है. इस दिन एकादशी से पूर्णिमा तक घी का दीपक जलाकर मां तुलसी को प्रसन्न करना चाहिए. इससे व्यक्ति के जीवन में आने वाली आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

पुण्य की प्राप्ति के लिए उपाय

शालिग्राम में भगवान विष्णु का स्वरूप होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जिस स्थान पर शालिग्राम और तुलसी की पूजा होती है,वहां भगवान श्री हरि विराजते हैं और भगवती लक्ष्मी भी निवास करती हैं. देवउठनी एकादशी पर शालिग्राम का अभिषेक करता है,उसे सम्पूर्ण तीर्थों में स्न्नान के बराबर और समस्त यज्ञों को करने समान ही पुण्य फल की प्राप्त होता है.

कार्यक्षेत्र में सफलता और उन्नति के लिए उपाय

जिन लोगों को अथक प्रयास करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती है. उनको देवउठनी पर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और देवी तुलसी की पूजा करने और इस दिन पीपल वृक्ष को छूकर प्रणाम करें और अपना कार्य पूर्ण होने के लिए भगवान विष्णु से प्रार्थना करें, इससे कार्य में सफलता मिलेगी.

सुखी दांपत्य जीवन के लिए उपाय

सुखी दांपत्य जीवन के लिए देवउठनी एकादशी पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए तुलसी के तने पर सात बार मोली या हल्दी में लपेट कर सूत का धागा लपेटें और सुखी दांपत्य के लिए माता तुलसी से प्रार्थना करें.

सुख-शांति के लिए

देवउठनी एकादशी पर जीवन में सुख-शांति के लिए दान का विशेष महत्व होता है. इस दिन अन्न और धन के अलावा लोगों को ऋतुफल, धान, मक्का, गेहूं, बाजरा, गुड़, उड़द और वस्त्र का दान अवश्य करना चाहिए. इससे घर में सुख-शांति का वास होता है और ग्रहों से संबंधित दोष दूर होते हैं.

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